7-9 सितम्बर, 2022
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीआरआई), गुवाहाटी, जोन VI ने जोन VI के तहत कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, कामरूप, असम में 7-9 सितंबर, 2022 तक "प्राकृतिक खेती पर 3-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम" का आयोजन किया।

डॉ. आर.एस. चंदेल, कुलपति, डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती भारत में कृषि का भविष्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रासायनिक कृषि अब मिट्टी, पशु और मानव स्वास्थ्य में बाधा बन रही है, इसलिए समय की आवश्यकता प्राकृतिक खेती है जो कृषि-पारिस्थितिकी प्रणाली को संतुलित करती है।
केवीके के अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती के सभी आयामों पर सिद्धांत और प्राकृतिक खेती के विभिन्न आदानों की तैयारी पर व्यावहारिक शामिल थे।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में, डॉ. विद्युत सी. डेका, कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट शामिल हुए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व और कृषि पाठ्यक्रमों में इसे शामिल करने पर जोर दिया।
इससे पहले, डॉ. राजेश कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन VI, गुवाहाटी ने उत्तर पूर्व भारत में इसके कृषि-पारिस्थितिकी लाभों के कारण प्राकृतिक खेती को अपनाने के लाभों पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, गुवाहाटी, जोन VI)
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