20 दिसंबर, 2022, कोलकाता
भाकृअनुप-अटारी कोलकाता ने जोन V के 9 केवीके द्वारा संचालित परियोजना की उपलब्धियों की समीक्षा करने के लिए तथा कृषि में युवाओं को आकर्षित करने एवं इससे जोड़ने के लिए एक समीक्षा कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम (आर्या) का आयोजन किया।

बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, डॉ. रणजीत कुमार सामंत ने सत्र की अध्यक्षता की और देश के शेष केवीके में आर्या परियोजना को लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने आईसीटी, प्रकाशन और अन्य माध्यमों से सफल उद्यमियों के मामलों को लोकप्रिय बनाने की सलाह दी। उन्होंने जिलों की जरूरतों के आधार पर उद्यमों में विविधता लाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने युवा सशक्तिकरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए इस क्षेत्र के गैर-आर्या केवीके को सबके सम्मुख लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. एस.के. रॉय, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी कोलकाता ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए अधिक संख्या में युवाओं के बीच आर्या परियोजना के तहत चल रहे उद्यमों का विस्तार करने पर जोर दिया। उन्होंने केवीके और मेजबान संगठनों से आग्रह किया कि वे केवीके द्वारा लागू किये जाने वाले कार्यक्रम आर्या से आवंटित निधि का सही उपयोग करें।
डॉ. पी.पी. पाल, प्रधान वैज्ञानिक और नोडल अधिकारी ने आज तक आर्या परियोजना की स्थापना, उद्देश्यों, सिद्धांतों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी और विस्तार से बताया कि गैर-लाभार्थियों के बीच परियोजना को कैसे बढ़ाया जाए।
केवीके ने आर्या के कार्यान्वयन तथा परियोजना की उपलब्धियों और इससे उद्यमिता विकास की दिशा में युवाओं के अनुकूल मंच बनाने के लिए भविष्य की कार्य योजना के बारे में विस्तार से प्रस्तुत किया। सफल उद्यमियों ने वीडियोग्राफी की मदद से अपने अनुभव साझा किए और अपनी आजीविका को बदलने के लिए इस परियोजना के माध्यम से प्राप्त समर्थन और मार्गदर्शन को स्वीकार किया। उन्होंने स्व-रोजगार की भावना को बढ़ाने करने के लिए तथा अन्य युवाओं के बीच लाभ का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।
इस परियोजना के माध्यम से प्राप्त उपलब्धि, महिला सशक्तिकरण की सदन द्वारा विशेष रूप से सराहना की गई।
इस अवसर पर, भारत की आजादी के 75 साल (आजादी का अमृत महोत्सव) के जश्न के एक हिस्से के रूप में ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के केवीके द्वारा उपलब्धियां @75 पर एक ई-प्रकाशन भी जारी किया गया।
कार्यशाला में वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुखों, नोडल विषय वस्तु विशेषज्ञों, चयनित सफल उद्यमियों और भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के सभी तकनीकी तथा वैज्ञानिक कर्मचारियों सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप-अटारी कोलकाता)
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