9 मार्च, 2023, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता-केवीके इंटरेक्शन मीटिंग (ऑनलाइन) आज आयोजित की गई।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के 59 केवीके के सभी प्रमुख इस बैठक में शामिल हुए।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी ने 2047 तक राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ‘अमृत काल’ के दौरान भारतीय कृषि के लिए एक परिवर्तन को बढ़ावा देने तथा विस्तार केन्द्र के रूप में कार्य करने के लिए केवीके के कारय शैली को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। इस प्रकार जिला कृषि-प्रौद्योगिकी उपरिकेंद्र के रूप में कार्य करना और प्रसार प्रौद्योगिकियों को सुनिश्चित करना जो प्रकृति, लिंग और पर्यावरण के अनुकूल हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष - 2023 के साथ-साथ एक जिला एक उत्पाद (ODOP) अवधारणा के दौरान आम जनता के बीच बाजरा को लोकप्रिय बनाने के लिए अभियान/ जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। निदेशक ने किसान सारथी पंजीकरण को आगे बढ़ाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सके। डॉ. डे ने भाकृअनुप से वन साइंटिस्ट वन प्रोडक्ट (ओएसओपी) कॉल की तर्ज पर, केवीके के लिए वन एसएमएस वन प्रोडक्ट का विचार सबके सामने रखा।
यहां केवीके द्वारा सामना की जा रही बाधाओं पर भी संक्षेप में चर्चा की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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