15 मार्च, 2024, बीकानेर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा ‘ सफल उद्यमिता हेतु गैर-गोवंशीय पशु उत्पादों का प्रसंस्करण, नवाचार और सुधार’ हेतु दो दिवसीय (14-15 मार्च,2024) राष्ट्रीय संगोष्ठी सह हितधारक बैठक का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. तोमर, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीसी, अविकानगर ने खेती-पशुपालन को एक उद्योग मानते हुए कहा कि गैर-गोवंशीय पशुओं में भेड़, बकरी तथा मादा उष्ट्र का दूध औषधि के समान है, इसलिए अब पशुपालक भाई, दूध का बाजार तालाश कर इसके अनुरूप मूल्य निर्धारन कर विपणन के क्षेत्र में आगे आएं।
विशिष्ट अतिथि, प्रो. आर.के. धुरिया, शिक्षा एवं अधिष्ठाता, राजुवास, बीकानेर ने भी गैर-गोवंशीय पशु उत्पादों के महत्व को उजागर करते हुए इनके दूध में उद्यमिता की प्रबल संभावनाएं बताई।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि, प्रो. (डॉ.) मनोज दीक्षित, कुलपति, महाराजा गंगासिंह विश्विद्यालय, बीकानेर ने मादा उष्ट्र के दूध की औषधीय उपयोगिता को वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय समन्वय द्वारा आगे बढ़ाने तथा पशु के गोबर, मूत्र, चमड़े आदि के बहुआयामी उपयोग के बारे में बताया।
डॉ. टी.के. गहलोत, एडिटर, जर्नल ऑफ कैमल प्रैक्टिस एण्ड रिसर्च, बीकानेर ने मादा उष्ट्र के दुग्ध विपणन, उष्ट्र संरक्षण तथा उष्ट्र पालन के लिए अनुदान की आवश्यकता जताई।
डॉ. एस.पी. जोशी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, राजस्थान ने किसानों को पशु के गोबर को उन्नत खाद में परिवर्तित करने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे रासायनिक खाद पर निर्भरता कम हो। उन्होंने दूध के उत्पादन एवं प्रसंस्करण इकाई के स्थापना हेतु निधि उपलब्ध कराने हेतु आश्वस्त किया।
तकनीकी सत्रों में केन्द्र के निदेशक, डॉ. आर्तबन्धु साहू, कार्यक्रम के सह संयोजक, डॉ. आर.के. सावल, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-सीआईआरबी, हिसार, श्री यशपाल शर्मा, ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए तथा विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों एवं उद्यमियों से संवाद करते हुए उन्हें पशुपालन व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों के निराकरण के उपाय सुझाए।
केन्द्र द्वारा गैर-गोवंशीय पशुपालन व्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रगतिशील पशुपालकों एवं युवा उद्यमियों को सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी के आयोजन सचिव, डॉ. योगेश कुमार ने कहा कि प्रौद्योगिकी लाईसेंसिंग हेतु प्राप्त प्रस्तावों के कार्यान्वयन हेतु केन्द्र अग्रसर है। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा 4 ट्रेड मार्कस् विकसित किया गया है तथा विपणन के लिए ये उत्पाद प्रदर्शित किया जाएगा जिससे भाकृअनुप तथा इस संसथान की गरिमा बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम में लगभग 250 उष्ट्र पालकों, वैज्ञानिकों, एफ.एस.एस.ए.आई. पदाधिकारियों, संबद्ध विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों व एनआरसीसी स्टाफ ने सहभागिता की।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर
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