भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें कृषि विज्ञान मेले का आयोजन

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें कृषि विज्ञान मेले का आयोजन

19 अक्टूबर, 2023, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वि.प.कृ.अ.स), अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में आज “श्री अन्न अपनायें पोषण सुरक्षा बढ़ायें” थीम पर आधारित 47वें  कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि, श्री अजय टम्टा, सांसद, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र रहे। इस अवसर पर श्री टम्टा ने संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किये जा रहे शोध कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि  संस्थान के कार्यों को स्वयं कृषकों ने प्रमाणित किया है। सांसद ने कहा कि संस्थान ने शोध कार्यों विशेष रूप से मृदा परीक्षण, रोग-कीट नियंत्रण, फसल उत्पादन, सफेद मंडुवा उत्पादन के साथ ही प्रसंस्करण, तकनीकी विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। साथ ही उन्नत बीज व तकनीकी को भारत के 24 राज्यों तक पहुंचाने के लिए संस्थान की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें  कृषि विज्ञान मेले का आयोजन  भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें  कृषि विज्ञान मेले का आयोजन

कार्यक्रम के अध्यक्ष, श्री मनोज तिवारी, विधायक ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की और कृषकों को आह्वाहन करते हुए कहा कि वे जैविक खेती को अपनाकर अपनी आय सुदृढ़ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषक दृढ़ इच्छा शक्ति रखकर कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और आजीविका को भी बढ़ा सकते हैं।

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें  कृषि विज्ञान मेले का आयोजन  भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में 47वें  कृषि विज्ञान मेले का आयोजन

श्री प्रकाश चन्द्र जोशी, अध्यक्ष, नगर पालिका ने अपने उद्बोधन में किसानों को कृषि की रीढ़ बताते हुए उनकी हौसला आफजाई की साथ ही किसानों से अपील की कि वे उन्नतशील बीजों का प्रयोग द्वारा कृषि व्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।

डॉ. जय प्रकाश जायसवाल, निदेशक, गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने संस्थान द्वारा विभिन्न प्रजाति एवं लघु यंत्रों के विकास के क्षेत्र में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए सराहना करते हुए लघु यंत्रों द्वारा समय व श्रम की बचत के महत्व को भी बताया।

श्री एम.सी. जोशी, पूर्व निदेशक, डी.ए.आर.एल. ने कहा कि विवेकानन्द संस्थान की ख्याति हिन्दुस्तान के अलावा विदेशों में भी जानी जाती है। उन्होंने कहा कि कृषकों द्वारा दृढ़ संकल्प के साथ कार्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना सफल योगदान दे सकते हैं, क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में घाटी से लेकर ऊँचाई तक फसल उत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं।

श्री रमेश चन्द्रा, कार्यक्रम प्रमुख, आकाशवाणी अल्मोड़ा ने संस्थान का अभिवादन करते हुए कृषि क्षेत्र में संस्थान के योगदान की प्रशंसा की तथा देश द्वारा खाद्यान्न निर्यात के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी की जानकारी दी।

इससे पहले, डॉ. लक्ष्मी कान्त, निदेशक, भाकृअनुप-वि.प.कृ.अ.स ने संस्थान की स्थापना तथा पर्वतीय कृ़षि के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गए शोध कार्यों तथा विकसित तकनीकों का विवरण दिया। इस अवसर पर संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजना के बारे में जानकारी साझा की।

मुख्य अतिथि, अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा संस्थान की प्रजातियों नामतः गेहूं की वी.एल. कुकीज़, सब्जी मटर की वी.एल. उपहार तथा मसूर की वी.एल. मसूर150 का लोकार्पण किया  गया।

मेले के दौरान प्रगतिशील किसान, श्री मदन मोहन गिरी, श्री मोहन सिंह बिष्ट, श्री दीपक कुमार, श्री महिपाल टम्टा, श्रीमती लीला देवी, श्री पूरन आर्य एवं श्री प्रहलाद कोश्यारी को पुरस्कृत किया गया।

किसान मेले में आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, यथा- कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं लगभग 28 प्रदर्शनियां लगायी गयी। इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों एवं विभागों के वैज्ञानिक एवं अधिकारी के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आये 600 कृषक भी उपस्थित थे।

(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

×