21 नवम्बर, 2023, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (विपकृअनुसं), अल्मोड़ा ने मैसर्स पाराशर एग्रो टेक बायो प्रा. लिमिटेड एएस-15/2-14-4-5, मोहन कुंज अपार्टमेंट, घौसाबाद, वाराणसी- 221002, उत्तर प्रदेश, भारत के साथ ‘वी.एल. पोर्टेबल पॉली हाउस’ के निर्माण हेतु आज एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया।
प्रचलित स्थायी पॉली हाउस में अगर विशेष सावधानियां ना रखी जाये तो लगातार 4 से 5 वर्षो तक खेती करने के बाद मृदा स्वास्थ्य खराब कर सकती है, तथा कीट-पतंगों व मृदा जनित बीमारियों में वृद्धि होती है। ऐसी स्थितियों में या तो किसान को सतह की मिट्टी को बदलना पड़ता है या फिर स्थायी पॉली हाउस को किसी नये खेत में ले जाना पड़ता है, जो बहुत महंगा एवं कठिन श्रम युक्त प्रक्रिया है।
इसके अलावा ऊंची पहाड़ियों (समुद्र तल से 1250 मीटर से अधिक ऊंचाई) में बडे आकार के खेत आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते और अगर मिल भी जाते है तो वे चैड़ाई में पतले (2 से 5 मी.) होते हैं अन्यथा लम्र्बाई में सीध नहीं होते। उपरोक्त समस्या ओं के समाधान हेतु भाकृअनुप-विपकृअनुसं, अल्मोड़ा द्वारा अखित भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना प्लास्टिक इंजीनियरिंग, कृषि संरचना और पर्यावरण नियन्त्रण (ए.आई.सी.आर.पी. ऑन पी.ई.ए.एस.ई.एम) के तहत छोटे आकार में तथा कम लागत वाले “वी.एल. पोर्टेबल पॉली हाउस” का विकास किया है।
पोर्टेबल पॉली हाउस तीन टुकड़ों का बना है, जो कि एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं और पॉलीथीन के एकल टुकड़े से ढका होता है। इस पॉली हाउस को आवश्कतानुसार आसानी से एक खेत से दूसरे खेत में स्थानांतरित किया जा सकता है। पॉली हाउस का डिजाइन अर्धवृत्ताकार (क्योसेंट) है एवं क्षेत्रफल 62.4 वर्गमीटर (आयाम 12 मी. लम्बाई व 5.2 मी. चैड़ाई व 2.6 मी. ऊंचाई एवं 1 मी. का स्पैन) और इसका निर्माण नट-बोल्ट व वेल्डिंग द्वारा किया गया है। इसमें प्राकृतिक वायु-संचार (वेन्टीलेसन) है एवं वर्षा जल व ओस को संग्रहण करने का प्रावधान है।
इसका उपयोग बहुउद्देशीय है एवं आवश्यकतानुसार सब्जी उगाने, अत्यधिक सर्दी में मछली के तालाबों को ढकने इत्यादि में किया जा सकता है। फसल को खुले में बाहर एक निश्चित अवस्था (जब फसल को पॉली हाउस की आवश्यकता नहीं होती) तक लगाया जा सकता है बाद में पोर्टेबल पॉली हाउस को दुसरे जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है। इस प्रकार किसान पोर्टेबल पॉली हाउस का प्रयोग रिले क्रॉपिंग की तरह करके प्रति इकाई समय तथा उत्पादकता बढ़ा सकता है।
एक पोर्टेबल पॉली हाउस का मूल्य 96,000/ रु, तथा टैक्स अलग से, है।
(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)
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