Convergence meeting on implementation of Coconut Development Board Schemes in potential areas of Assam and Arunachal Pradesh through KVKs of ICAR-ATARI, Zone VI, Guwahati

Convergence meeting on implementation of Coconut Development Board Schemes in potential areas of Assam and Arunachal Pradesh through KVKs of ICAR-ATARI, Zone VI, Guwahati

11 मई, 2023, गुवाहाटी

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-VI, गुवाहाटी और नारियल विकास बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, गुवाहाटी के बीच आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-VI, गुवाहाटी में एक अभिसरण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देना तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) की विभिन्न योजनाओं को कैसे लागू किया जाए इस पर गहन चर्चा करना था।

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डॉ. हनुमंते गौड़ा, मुख्य नारियल विकास अधिकारी, नारियल विकास बोर्ड, कोच्चि ने असम तथा अरुणाचल प्रदेश के संभावित क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र विस्तार के लिए विभिन्न योजनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वित्तीय सहायता एवं विपणन को प्रोत्साहित करके स्वास्थ्य के अनुकूल तथा मांग-आधारित मूल्य वर्धित नारियल उत्पादों, गुणवत्ता रोपण सामग्री की आपूर्ति तथा गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में इसके विस्तार को बढ़ावा देने के महत्व पर भी जोर दिया।

डॉ. रजत कुमार पाल, निदेशक, नारियल विकास बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, गुवाहाटी ने सीडीबी के तहत विभिन्न योजनाओं एवं विभिन्न हितधारकों द्वारा इस योजनाओं का लाभ उठाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सीडीबी के तहत क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री का उत्पादन तथा वितरण, नारियल पर प्रौद्योगिकी मिशन, जैविक खाद इकाई की स्थापना, पुनर्रोपण एवं कायाकल्प तथा ताड़ बीमा योजना जैसी प्रमुख योजनाओं पर विस्तार से रोशनी डाली।

डॉ. जी. कादिरवेल, निदेशक, भाकृअनुप, अटारी, गुवाहाटी ने कृषक समुदाय के लिए योजनाओं की आवश्यकता तथा महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री, उत्तर पूर्व के लिए उपयुक्त किस्मों, उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न पद्धतियों के वैज्ञानिक पैकेज को अपनाने आदि के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रदर्शन सह-बीज उत्पादन फार्मों की स्थापना, न्यूक्लियस नारियल बीज उद्यान, नारियल के अंतर्गत क्षेत्र का विस्तार, जैविक खाद इकाई की स्थापना, आदि जैसी कुछ योजनाओं का भी उल्लेख किया जो कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा अटारी के माध्यम से किसानों के लाभ के लिए प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।

श्री के. जमान, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, असम सरकार ने राज्य विभाग की योजनाओं को सामने रखा और केवीके द्वारा प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने को कहा जिससे वे विभिन्न सरकारी पहल से लाभ ले सके।

बैठक में स्थानीय भाकृअनुप संस्थानों तथा केवीके के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-VI, गुवाहाटी)

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