30-31 अगस्त, 2019, लखनऊ
भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने 30 से 31 अगस्त, 2019 तक दो दिवसीय 'हॉर्टी प्रनुरशिप कार्यशाला-2019' का आयोजन किया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नवोदित उद्यमियों को बागवानी दृष्टिकोण और एक उद्यमी के रूप में उनके अनुप्रयोगों के बारे में जागरूक करना था।
डॉ. रवि पांडे, अनुसंधान प्रतिष्ठान अधिकारी, आईआईटी, कानपुर ने कई योजनाओं जैसे, बीज धन, मृत धन और इक्विटी आदि के साथ-साथ उद्यमियों के ऊष्मायन (इन्क्यबेशन) के बारे में विचार-विमर्श किया।
डॉ. एस. राजन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच ने व्याख्यान-सह-परस्पर संवादात्मक सत्र के दौरान, आईपीआर/टीएम/पीबीआर द्वारा उत्पाद की सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों के बारे में चर्चा की।
डॉ. राजन ने कहा कि बागवानी उद्यमिता क्षेत्र नवाचार के केंद्र में होगा और समग्र परिवर्तन की दिशा में भारत की यात्रा का नेतृत्व करेगा। उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र को नवाचार, उपलब्ध प्रौद्योगिकियों की आसान समझ पर ध्यान केंद्रित करने और किसानों तक वास्तविक समय में पहुँच को सक्षम करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
डॉ. जितेंद्र, परियोजना प्रबंधक, सीएसआईआर-सीआईएमएपी, लखनऊ ने संबंधित नैतिक दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया।
प्रतिभागियों को नाबार्ड के कार्यक्रमों और सब्सिडी, एफपीओ और स्टार्ट-अप पर योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया गया।
तकनीकी सत्रों के दौरान विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने डीपीआर तैयार करने, मशरूम की खेती, जैविक खेती, छत पर बागवानी, हाइड्रोपोनिक्स, नर्सरी, फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन आदि पर अपनी अंतर्दृष्टि प्रदान की।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
कार्यशाला में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram