झारखण्ड क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु उन्नत नस्ल के विकास पर जोर- श्री मुंडा
9 मार्च, 2024, चाईबासा, प. सिंहभूम
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) द्वारा आज खुंटकट्टी मैदान, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम में आयोजित की जा रही तीन दिवसीय (9-11, मार्च) डेयरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
श्री मुंडा ने करनाल स्थित डेरी अनुसंधान संस्थान के विकास एवं विस्तार कार्यों को अनुकरणीय बताते हुए पूरे झारखण्ड में दुग्ध उत्पादन बढाने हेतु उन्नत नस्ल के विकास पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि एनडीआरआई जैसे संस्थान के अनुसंधान एवं विकास कार्यों की वजह से ही आज हमारा देश दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ करने की संभावनाएं हैं इसलिए किसान भाई-बहनों से आग्रह है कि एनडीआरआई के साथ जुड़कर डेयरी क्षेत्र की नवीनतम तकनीकियों को अपनायें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने युवा किसानों से आव्हान किया कि डेयरी उद्यमिता को अपनाएं तथा अन्य किसानों को भी रोजगार के अवसर से जोड़ें।
श्री मुंडा ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप 2047 तक देश को 'विकसित भारत' बनाने के लिए कृषि, पशुपालन तथा प्रौद्योगिकियों को प्रत्येक किसान के दरवाजे तक पहुंचना केन्द्र सरकार की प्राथमिकताएं हैं। ये प्रौद्योगिकियां किसानों को न केवल आय सृजन में मदद करेगी बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग से उनकी खेती में स्थिरता प्रदान करेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी कृषि से जुड़े देश का मत्वपूर्ण व्यवसाय है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान करता है तथा 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता है। भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक दूध उत्पादन का 24.64 प्रतिशत योगदान देता है।
डॉ. धीर सिंह, निदेशक, एनडीआरआई, करनाल ने बताया कि संस्थान द्वारा पशुधन उत्पादन, इसके प्रबंधन एवं डेयरी प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवोन्मेषी कृषि प्रौद्योगिकी विस्तार से नये आयाम स्थापित किये गए हैं।
इस कृषि मेला के दौरान किसानों को कृषि एवं पशुपालन प्रौद्योगिकी के नवीनतम पहलुओं से अवगत कराने हेतु कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं किसान गोष्ठी का आयोजन हो रहा है, जिसमें खेती एवं पशुपालन से सम्बंधित प्रश्नों के त्वरित समाधान प्रस्तुत किये जायेंगे। देश के विभिन्न संस्थानों द्वार प्रदर्शनी स्टाल भी इस कार्यक्रम में लगाई जा रही है।
पश्चिम सिंघभूम जनपद के विभिन्न ब्लॉक एवं ग्रामों से पधारे हुए सभी किसान भाई बहिनों द्वारा अभिप्रेरित अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ-साथ सब्जी उत्पादन, फसल उत्पादन,डेयरी उत्पादन प्रबंधन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहे किसानों के मनोबल को बढाने हेतु इस अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा।
लगभग 2 हजार से ज्यादा पशुपालन, किसान, इनपुट डीलर्स, उद्यमी, विद्यार्थी, सरकारी एवं गैर-सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी इस मेला में भाग ले रहे हैं।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल)
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