12 मार्च तक आयोजित होने वाले मेला में विभिन्न अनुसंधान संस्थानों, स्टार्टअप, एफपीओ एवं कृषि उद्यमियों के स्टॉल लगे
दलहन-तिलहन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प- श्री मुंडा
10 मार्च, 2024, नई दिल्ली
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने आज झारखंड के सिमडेगा जिले के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेला का उद्घाटन किया। इस मेले की मुख्य विषय "कृषि उद्यमिता– समृद्ध किसान" है।
मुख्य अतिथि, श्री मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए पूसा संस्थान तथा अन्य अनुसंधान संस्थानों लगातार बेहतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने किसानों से नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। केन्द्रीय मंत्री ने दलहन एवं तिलहन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, बड़ी संख्या में, उपस्थित किसानों को संकल्प दिलाया। साथ ही, प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर, वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए किसानों सहित सभी वर्गों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने ने कहा कि बीज में रोग ना लगे, इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों के रिसर्च के माध्यम से धान के किसमें की नई बीज तैयार करने की अपील की जिससे पानी की कम खपत हो।
श्री मुंडा ने कहा कि देशभर के पात्र किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से हर साल तीन किस्तों में 6000 रुपये जमा कराए जा रहे है, वहीं नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी की पहल की गई है। विशेषकर, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।
उन्होंने कहा कि कृषि के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से केन्द्रीय स्तर पर सेंटर के माध्यम से किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिससे वह सीधे कृषि मंत्रालय से जुड़कर नई तकनीकों का लाभ ले सकेंगे। साथ ही मंत्रालय उनके गांव-खेत की जानकारी डिजिटल रूप से जुटाकर उनके कल्याण के लिए ज्यादा मजबूती से कार्य कर सकेगी। उन्होंने कहा कि सिमडेगा जिले को आदर्श जिला बनाना है।
इस अवसर पर, श्रीमती विमला प्रधान, पूर्व मंत्री, झारखंड, श्री निर्मल कुमार बेसरा, पूर्व विधायक, के डॉ. अशोक कुमार सिंह, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, दिल्ली, डॉ. एस.सी. दुबे, कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, रांची, डॉ. विशाल नाथ समेत विभिन्न कृषि अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
हरित क्रांति की जन्मस्थली और देश के अग्रणी कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रसार का संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा, नई दिल्ली द्वारा सिमडेगा में आयोजित हो रहे कृषि मेला में देशभर से विभिन्न कृषि संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र के नवीन तकनीकियों के प्रदर्शन का समायोजन किया जा रहा हैं। कृषि मेला में कृषक उत्पादक संगठन व महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी स्टॉल लगाये गए हैं।
पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा संगोष्ठी भी आयोजित की जा रही है, जिससे किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को विभिन्न फसलों में रोग से बचाव हेतु विस्तृत जानकारी भी मिलेगी।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली)
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