4 सितम्बर, 2023, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून ने 21- 26 अगस्त, 2023 तक केन्या वन अनुसंधान संस्थान (केईएफआरआई), केन्या के वैज्ञानिकों के लिए बांस ऑलोमेट्रिक्स, जल विज्ञान एवं पर्यावरण मैट्रिक्स पर छह दिवसीय स्टडी टूर तथा एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम का आयोजन किया।
समारोह का उद्घाटन करते हुए, डॉ. चरण सिंह, कार्यवाहक निदेशक ने अवनत भूमि के पुनर्वास के लिए संस्थान द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पश्चिमी हिमालय की अवनत बीहड़ भूमि और ढलान वाली भूमि के लिए संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न बांस-आधारित प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की। उन्होंने केईएफआरआई और इनबार के साथ भविष्य के सहयोग पर भी जोर दिया।
मुख्य वैज्ञानिक और वन जैव विविधता और पर्यावरण प्रबंधन के प्रभारी, डॉ जेम्स नदुफा ने केन्या में भूमि क्षरण की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिसमें बताया गया कि 62% भूमि वर्तमान में खराब है और अतिरिक्त 21% को बेहद खराब माना जाता है। उन्होंने केन्या में बंजर भूमि के पुनर्स्थापन के लिए बांस की उपयोगिता पर जोर दिया और बांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्या सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।
डॉ. स्टेनली नादिर, वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक और उप क्षेत्रीय निदेशक, ने बांस अनुसंधान कार्यक्रम को बढ़ावा देने में आईआईएसडब्ल्यूसी और केईएफआरआई के संयुक्त कार्य पर जोर दिया।
प्रतिभागियों ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून का दौरा किया, जहां उन्हें बांस के ऊतक संस्कृति और जैव प्रौद्योगिकी पहलुओं पर शोध का निरीक्षण करने का अवसर मिला।
समापन संबोधन में, डॉ. राजेश कौशल ने केन्या सरकार, श्री जे दुरई (निदेशक, वैश्विक कार्यक्रम), श्री सेलिम रेजा (क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक), सुश्री संगीता (क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिण एशिया), श्री आनंद सुब्रमणि (वित्त अधिकारी) और इनबार को उनके समर्थन के लिए भी धन्यवाद ज्ञापन किया।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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