कृषि क्षेत्र ने प्रतिकूलताओं में भी अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है - श्री तोमर
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2021

श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं पंचायती राज मंत्री ने आज राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन के दौरान बतौर अध्यक्ष कहा कि कृषि का क्षेत्र हमारे देश की बड़ी आबादी को कवर करने के साथ ही रोजगार भी प्रदान करता है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि गाँवों व कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने तमाम प्रतिकूलताओं में भी अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है।
श्री तोमर ने कहा कि किसानों के परिश्रम, भारत सरकार की कृषि हितैषी नीतियों व राज्य सरकारों के प्रयत्नों से कृषि क्षेत्र ने सकारात्मक योगदान दिया है और जीडीपी में भी कृषि क्षेत्र की वृद्धि प्रतिकूलताओं के बावजूद बढ़ी है। मंत्री ने कहा कि खेती-किसानी के विकास के लिए राज्यों को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं आने दी जाएगी, भारत सरकार राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती रहेगी।
श्री तोमर ने खरीफ की अच्छी फसल के लिए शुभकामनाएँ देते हुए राज्यों से आग्रह किया कि तिलहन व दलहन की दृष्टि से भी सभी को मिल-जुलकर, मिशन मोड पर काम करना चाहिए। उन्होंने जैविक खेती व जीरो बजट खेती को लेकर भी मार्गदर्शन दिया तथा सभी राज्यों में जैविक खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया। मंत्री ने कहा कि राज्यों को पहचान करना चाहिए कि वे कौन-कौन से हिस्सों को पूरी तरह जैविक कर सकते हैं तथा किसानों को समय पर बाज़ार उपलब्ध करा सकते हैं। देश में 307 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हासिल करने के लिए श्री तोमर ने शुभकामनाएँ दी।
खरीफ सम्मेलन में राज्यों ने भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान दी गई छूट से किसानों को बिना किसी बाधा के कृषि कार्य करने की सुविधा मिली है। सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श से महत्त्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करने, कृषि आदानों का मूल्यांकन और आवश्यकता एवं उनकी स्थिति का पता लगाने में सहायता हुई, जिससे जरूरी हस्तक्षेपों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
सम्मेलन में श्री परषोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री; श्री कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री; श्री संजय अग्रवाल, सचिव, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार; श्री एस.के. मल्होत्रा, कृषि उत्पादन आयुक्त तथा कृषि व उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही राज्यों के संबंधित अधिकारी भी आभासी तौर पर शामिल रहे।
(स्त्रोत: कृषि भवन, नई दिल्ली)
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