16 दिसंबर, 2023, रांची
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा जनजातीय कार्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा जी का शुभागमन हुआ। इस अवसर पर कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि खेती और किसानों की वजह से ही हमारा अस्तित्व है और वे सम्मान के हकदार हैं। हर स्वादिष्ट व्यंजन के पीछे किसानों की कड़ी मेहनत है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प के तहत हमें कृषि उत्पादन को इतना बढ़ाना है कि हमें इनके आयात की आवश्यकता ही न पड़े तथा हम आत्मनिर्भर बनें। केन्द्रीय मंत्री ने देश की बदलती अर्थ-नीति को ध्यान में रखते हुए आधुनिक युग के अनुसार अधिक उपज और स्वस्थ पैदावार के लिए कृषि संस्थाओं के कार्य की सराहना की। केन्द्र के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि किसान ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अपने समय और संसाधनों की बचत कर सकते हैं। श्री मुंडा ने झारखंड के किसानों को प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने, फलों एवं सब्जियों का परिरक्षण, मूल्यवर्धन तथा बीज उत्पादन जैसे उद्यमों को व्यावसायिक तौर पर अपनाने की सलाह दी। उन्होंने जन-प्रतिनिधि को आह्वान करते हुए कहा कि वे इस अनुसन्धान केन्द्र से जुड़ें और अपने पंचायत को कृषि आधारित आदर्श पंचायत बनाएं साथ ही बीज ग्रामों को बढ़ावा दें।
डॉ. अनूप दास, निदेशक, भाकृअनुप का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने केन्द्र की गतिविधियों, उपलब्धियों तथा भविष्य की योजनाओं को सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र ने अब तक सब्जियों की 52 एवं फलों की 5 उन्नत किस्मों तथा अनेक उन्नत कृषि तकनीकों का विकास किया है जिनसे पूर्वी भारत के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
कृषि उद्यमीयों, जैसे- श्रीमती एमलेन कंडुलना, श्री सचिन झा एवं सुश्री अंजली लकड़ा ने अपनी सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने उल्लेख किया कि अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु के मार्गदर्शन में उन्नत कृषि तकनीकों, जैसे- सब्जियों में संसाधन संरक्षण तकनीक, मडुआ का मूल्यवर्धन तथा वर्ष भर मशरूम उत्पादन को अपनाकर वे सालाना 4 से 10 लाख रु. शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं।
इस अवसर पर डा. के.पी. सिंह, सहायक महानिदेशक (अभियांत्रिकी), भाकृअनुप; डा. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव-प्रौद्योगिकी संस्थान, राँची; श्री राजेन्द्र किशोर, उप-महानिदेशक (बागवानी), झारखण्ड; केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
इस आयोजन में देश के पूर्वी राज्यों के 250 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
(भाकृअनुप-पूर्वी अनुसंधान परिसर, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु)
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