नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2012
श्री हरीश रावत, राज्य मंत्री, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा संसदीय कार्य, भारत सरकार ने "मैनेजिंग ट्रांस-बाउंड्री डिसीसेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंपोर्टेंस इन एशिया-पैसेफिक" पर विशेषज्ञ परामर्श का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक खाद्य सुरक्षा में एशिया प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए फसल, पशुधन और मत्स्य पालन में ट्रांस बाउंड्री रोगों द्वारा होने वाले गंभीर खतरों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भी चिंता व्यक्त की जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में इस तरह के रोगों के प्रबंधन में चुनौतियों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने आयोजकों को कृषि, पशु और मुर्गी पालन के क्षेत्र में गंभीर क्षति करने वाले इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने के लिए बधाई दी जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अनेक देशों में छोटे और गरीब किसानों की आजीविका के लिए संकट खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रांस बाउंड्री रोगों से निजात पाने के लिए प्रभावी निगरानी, नियंत्रण और उन्मूलन की आवश्यकता है। श्री रावत ने आशा व्यक्त की है कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय बैठक के परिणाम कृषि महत्व के ट्रांस बाउंड्री रोगों के प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना का विकास करेंगे।
श्री रावत ने अपारी के प्रकाशनों और आयोजन की स्मारिका का भी विमोचन किया।
इससे पूर्व, डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और अध्यक्ष, अपारी ने अतिथियों का स्वागत किया और ट्रांस बाउंड्री रोगों को रोकने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम सम्पूर्ण क्षेत्र में एक विशेषज्ञता पूर्ण दृष्टिकोण से सीखने का अनुभव साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य एनएआरएस सदस्यों, सीजी इंस्टीट्यूशन्स, क्षेत्रीय मंचों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अनुभवों को साझा करना है।
डॉ. राज परोदा, कार्यकारी सचिव, एशिया-पेसेफिक एसोसिएशन ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स (अपारी) और अध्यक्ष, टास ने वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर आईसीएआर और अपारी के दीर्घकालीन संबंधों के बारे में सविस्तार चर्चा की। उन्होंने ट्रांस बाउंड्री रोगों के प्रभावी प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और आशा व्यक्त की है कि इस संबंध में तीन-दिवसीय कार्यक्रम के दौरान इस तरह के रोगों की रोकथाम के लिए दिशा निर्देश निकल कर सामने आएंगे।
तीन दिवसीय विशेषज्ञ परामर्श, प्रमुख क्षेत्रों में ट्रांस बाउंड्री रोगों के प्रबंधन के लिए सहयोग और भागीदारी के उद्देश्य से संयुक्त रूप से आईसीएआर और अपारी द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिनिधि और एफएओ, डब्ल्यूएचओ, आईसीएआर, अपारी, सीजी इंस्टीट्यूशन्स, ओआईई और अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
डॉ. के.एम.एल पाठक, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), आईसीएआर और अध्यक्ष, आयोजन समिति ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(स्रोत: एनएआईपी मास मीडिया परियोजना, डीकेएमए, आईसीएआर)
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