15 जुलाई, 2022, भुवनेश्वर
भाकृअनुप-केंद्रीय मीठे पानी की जलीय कृषि संस्थान, भुवनेश्वर, ओडिशा के केंद्रीय कटाई-उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (पीईएएसईएम) केंद्र पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एक्रीप) ने 15 से 16 जुलाई, 2022 तक "एफआरपी (FRP) में कृषि गैजेट्स की डिजाइन और विकास प्रक्रिया" पर राष्ट्रीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. आर.के. सिंह, (पीईएएसईएम), लुधियाना, पंजाब पर एक्रीप के परियोजना समन्वयक ने खेतों की फसलों, सब्जियों, फलों, मत्स्य पालन और पशुओं के उत्पाद आदि जैसे क्षेत्रों में, कृषि उत्पादन में सुधार के लिए प्लास्टिक के उपयोग पर प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी बनाने और भारतीय परिस्थितियों के अनुसार इसे मानकीकृत करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. सरोज कुमार स्वैन, निदेशक, भाकृअनुप-सीफा, भुवनेश्वर ने जलीय कृषि में प्लास्टिक के अनुप्रयोग में संस्थान की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
डॉ. एस.के. जेना, परियोजना समन्वयक, जल पर समन्वित अनुसंधान परियोजना, भाकृअनुप-भारतीय जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर, ओडिशा ने देश के कृषि क्षेत्र में प्लास्टिक से बने तालाबों के उपयोग और बड़े पैमाने पर इसकी उपयोगिता पर जोर दिया।
इससे पूर्व, डॉ. बी.सी. महापात्र, प्रधान वैज्ञानिक और प्रधान अन्वेषक, ने स्वागत संबोधन में पीईएएसईएम के लिए एक्रीप, भाकृअनुप-सीफा, भुवनेश्वर ने भाकृअनुप-सीफा, भुवनेश्वर में एक्रीप केंद्र की भूमिका और महत्वपूर्ण उपलब्धियों और प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम के डिजाइन को रेखांकित किया।
कार्यशाला में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर) के प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय मीठे पानी की जलीय कृषि संस्थान, भुवनेश्वर, ओडिशा)
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