20 अगस्त, 2022, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून में आज 4 महीने के "मृदा एवं जल संरक्षण तथा वाटरशेड प्रबंधन पर सर्टिफिकेट कोर्स" के प्रशिक्षण के 123वें बैच का पासिंग आउट समारोह आयोजित किया गया। चार महीने का यह कार्यक्रम 22 अप्रैल, 2022 से 21 अगस्त, 2022 तक संस्थान मुख्यालय, देहरादून में आयोजित किया गया था।


प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राकृतिक संसाधन (मिट्टी, पानी और वनस्पति) प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हैं जो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने तथा देश में आजीविका, पोषण और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।


डॉ सुभाष सिंह, निदेशक मृदा संरक्षण, झारखण्ड, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, उन्होंने मृदा और जल संरक्षण की समस्या के महत्व और व्यापकता पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षुओं से संस्थान के वास्तविक राजदूत बनने का आग्रह किया।
डॉ. एम. मधु, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून ने आग्रह किया कि प्रशिक्षुओं को लोगों की जरूरतों को समझना चाहिए और वाटरशेड के प्रबंधन में बेहतर सफलता सुनिश्चित करनी चाहिए।
डॉ. डी.वी. सिंह, संभाग प्रमुख, एचआरडी एवं एसएस ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के मॉड्यूल में 47% व्यावहारिक और 53% सिद्धांत प्रशिक्षण शामिल थे।
कार्यक्रम में छह राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 27 अधिकारियों और भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी के दो वैज्ञानिकों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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