29 सितम्बर, 2022, हैदराबाद
राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी), घटक - 2 ने आज "भारत में निजी विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि उच्च शिक्षा को मुख्यधारा में लाने" पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जो भाकृअनुप - राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद द्वारा की गई एक अनूठी पहल है


डॉ. आर.सी. अग्रवाल, उप महानिदेशक (शिक्षा) और एनएएचईपी के राष्ट्रीय निदेशक ने राष्ट्रीय कृषि शिक्षा नीति - 2020 के मद्देनजर देश में कृषि शिक्षा के परिवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वो संस्थान जो इसके मानक और दिशानिर्देशों का पालन करेगा, उन संस्थानों के लिए भाकृअनुप, छात्रों के प्रवेश और छात्रवृत्ति आदि के संदर्भ में निजी कृषि विश्वविद्यालयों का समर्थन करने के लिए इच्छुक है।
डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-नार्म ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मान्यता प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अकादमी में निजी विश्वविद्यालयों के संकाय के क्षमता निर्माण के लिए भी निमंत्रण दिया।
एक दिवसीय संगोष्ठी में चार महत्वपूर्ण विषयों, यानि, शिक्षा और रोजगार में समान अवसर, कृषि शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का आश्वासन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सक्षम वातावरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में मान्यता पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम में लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें लगभग 30 निजी विश्वविद्यालयों और भाकृअनुप के कुलाधिपति/डीन/निदेशक/रजिस्ट्रार शामिल थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी)
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