19-20 अक्टूबर 2022, अगरतला, त्रिपुरा


भाकृअनुप-सूअर के लिए नेशनल रिसर्च सेंटर, रानी, गुवाहाटी ने एपीडा के सहयोग से 20 अक्टूबर, 2022 को 'निर्यात संभावनाओं पर ध्यान देने के साथ पूर्वोत्तर भारत में व्यावसायिक सुअर उत्पादन को बढ़ाने' पर एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया, जो न केवल अलग-अलग हितधारकों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने बल्कि घरेलू और निर्यात बाजारों में उपलब्ध विशाल बाजार अवसरों का लाभ उठाने के लिए भी उसको सक्षम बनाता है। यह कार्यक्रम अगरतला, त्रिपुरा में आयोजित किया गया था और इसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें वाणिज्यिक सुअर पालक किसान और पशु संसाधन विकास विभाग, त्रिपुरा सरकार के अधिकारी शामिल थे।
कार्यक्रम की शोभा, डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीपी के साथ-साथ डॉ. बिमल कृष्ण दास, निदेशक आई/सी, एआरडीडी और डॉ. श्यामल दास गुप्ता, उप. निदेशक, एआरडीडी, त्रिपुरा सरकार ने अपनी उपस्थिति के साथ बढ़ाई। यहां प्रतिभागियों को घरेलू मांग और पड़ोसी (भूटान, म्यांमार, नेपाल, चीन) के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में निर्यात बाजारों को टैप करने के लिए वाणिज्यिक सुअर पालन और पोर्क प्रसंस्करण के विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर संवेदनशील बनाया गया था। 19 अक्टूबर 2022 को नलिचेर्रा, जिला धलाई, त्रिपुरा में भाकृअनुप-एनआरसी के एबीआई तकनीकी समर्थन के माध्यम से विकसित एक माइक्रो सुअर बूचड़खाना भी चालू किया गया।
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