1 नवंबर, 2022, गढ़चिरौली
कृषि विज्ञान केन्द्र, गढ़चिरौली के सहयोग से जनजातीय उप-योजना के तहत महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के पुलिस दादलोरा खिडकी में 1 नवंबर, 2022 को भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई), नागपुर द्वारा "सिट्रस की उत्पादन तकनीक" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
खास तौर पर यह जिला अविकसित है और कुपोषण से जूझ रहा है। भाकृअनुप-सीसीआरआई विभिन्न गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में सिट्रस की खेती के तरीकों को मजबूत करने/बढ़ाने पर काम कर रहा है।
डॉ. दिलीप घोष, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीआरआई, नागपुर ने इस जिले के 223 आदिवासी किसानों के साथ बातचीत करते हुए, यहां, व्यावसायिक फसल के लाभकारी पहलुओं के बारे में जागरूक किया और किसानों से उपज, गुणवत्ता और आय बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।

डॉ. आशुतोष मुरकुटे, प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी टीएसपी और डॉ. एन.एम. मेश्राम, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीसीआरआई ने भी किसानों को तकनीकी जानकारी दी।
प्रतिभागियों के बीच भाकृअनुप-सीसीआरआई द्वारा जैव उर्वरक, वर्मीकम्पोस्ट, सेक्टर और सब्जी के बीज जैसे कृषि आदानों के साथ प्रशिक्षण किट वितरित किए गए।
यहां पर एक किसान-वैज्ञानिक संवाद सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें फसल से संबंधित किसानों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दिया गया।
इस अवसर पर, श्री नीलोत्पल, पुलिस अधीक्षक, श्री अनुज तारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, गढ़चिरौली और डॉ. संदीप करहले, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केवीके, गढ़चिरौली भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में पुलिस सहायता शिविर ने सक्रिय भूमिका निभाई।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)
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