भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा समझौता पर हस्ताक्षर

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा समझौता पर हस्ताक्षर

21 फरवरी, 2023, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानन्द-पर्वतीय-कृषि-अनुसंधान-संस्थान-01विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर के उत्पादन एवं विपणन हेतु, भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने मैसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, रेलवे रोड, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)  के साथ आज लिखित समझौता किया। इस अवसर पर, संस्थान के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कान्त; डॉ. निर्मल कुमार हेडाउ, अध्यक्ष, आईटीएमयू; डॉ. जयदीप कुमार बिष्ट, प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग; डॉ. श्यामनाथ, वैज्ञानिक तथा श्री संदीप कपूर, निदेशक मेसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्रा. लि., उपस्थित होकर समझौता को सफल बनाया।

विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर समय एवं ऊर्जा बचाता है साथ ही महिला किसानों की कड़ी मेहनत को भी कम करता है। यह परंपरागत विधि की तुलना में उपज की गुणवत्ता को बनाये रखने में सहायह है। इस यंत्र का उपयोग मंडुआ तथा मादिरा दोनों के लिए किया जाता है। विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर की गुणवत्ता के देखते हुए एन.आर.डी.सी. ने इसे पुरस्कार प्रदान किया है।

उत्तराखंड में, मंडुआ एक प्रमुख फसल के रूप में लगभग सभी क्षेत्रों में उगाया जाता है लेकिन इसकी मड़ाई का कार्य प्रायः घरेलू महिलाओं के द्वारा संपन्न किया जाता है। समान्यतः मड़ाई कार्य में अधिक श्रम तथा समय की बर्बादी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्थान द्वारा विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर का विकास किया गया, जिसके प्रयोग से मडुआ तथा मादिरा उत्पादन करने वाले किसानों के समय तथा श्रम दोनों को बचाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि उक्त फर्म के साथ यह समझौता पांचवीं बार किया गया है। अंतरराष्ट्रीय कदन्न (श्री अन्न) वर्ष में हुए इस समझौते से आशा है कि उक्त मशीन देश के कोने-कोने में पहुंचकर छोटे कृषकों के दुरूह  मानव श्रम को कम करने मे सहायक  सिद्ध होगी।

(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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