15 नवंबर, 2022, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान में ऑनलाइन माध्यम द्वारा हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय “कार्यालय संचालन में राजभाषा का योगदान” तथा इस व्याख्यान के मार्गदर्शक एवं वक्ता, श्री राजीव रंजन, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, हरियाणा पावर यूटिलिटीज, हरियाणा सरकार थे।
यहां, संस्थान की राजभाषा अधिकारी, श्रीमती मतला जूलिएट गुप्ता ने कार्यशाला में उपस्थित सभी का स्वागत किया। डॉ. प्रवीण कुमार, निदेशक ने इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता का परिचय उपस्थित मान्यवरों से कराया।
श्री राजीव रंजन ने अपने संबोधन में कहा की हिन्दी हमारी राजभाषा ही नहीं बल्कि मातृभाषा भी है। हिन्दी भाषा को मातृ का दर्जा देते हुए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वैज्ञानिकों द्वारा संस्थानों में जो भी कार्य एवं तकनीकी आविष्कार किये जाते है उसके मुख्य लाभार्थी किसान भाई-बहन हैं, जिसके लिए तकनीकी जानकारी हिन्दी जैसी सरल भाषा में हो तो वे नयी तकनीकी को सहजता से अपना सकेंगे। अंत में, उन्होंने सरलता से राजभाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।
श्रीमती सीमा चोपड़ा, निदेशक, राजभाषा विभाग, नई दिल्ली, इस कार्यशाला में ऑनलाइन माध्यम से जुड़ीं। इसमें संस्थान के 80 अधिकारियों/कर्मचारियों एवं देश के अन्य भाकृअनुप संस्थानों से 40 अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के अंत में संस्थान के निदेशक ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया।
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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