21 मार्च,2023, मेरठ
भाकृअनुप - केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ द्वारा को अनुसूचित जाति उप-योजना (एस.सी.एस.पी.) परियोजना के तहत किसानों और पशुपालकों के लिए " डेरी फार्म अपशिष्ट का मूल्य वर्धन" पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संस्थान के निदेशक डॉ. उमेश सिंह ने पशुधन अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन और उसको धन में बदलने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को गायों के गोबर का उपयोग करके सर्वोत्तम उत्पाद का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आय के नए अवसर पैदा हों और उनकी आय में वृद्धि हो ।


श्रीमति मिन्नी मनोचा और श्री सतेंद्र नागर द्वारा किसानों को गाय के गोबर से दीपक, मूर्ति, अगरबत्ती आदि विभिन्न उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम का आयोजन डॉ. आर. रंजन, वरिष्ठ वैज्ञानिक और एससीएसपी के सदस्य द्वारा किया गया। उन्होंने वांछित विकास प्राप्त करने के लिए एससीएसपी कर्मचारियों और किसानों के बीच सहक्रियाशील संपर्क के लाभों के बारे में बताया।
किसानों को दूध की बाल्टी और प्राथमिक पशु चिकित्सा किट जैसे इनपुट के वितरण के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यशाला में 5 जिलों के 105 किसानों ने भाग लिया।
(भाकृअनुप - केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ)
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