16 मार्च, 2023, अविकानगर, राजस्थान
भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर, तहसील मालपुरा जिला टोंक की अनुसूचित जनजाति उपयोजना (ट्राइबल सब प्लान) के अंतर्गत आज साईं पैलेस होटल, सागवाड़ा रोड, डूंगरपुर जिला में ब्लॉक दोवाडा, सीमलवाड़ा एवं डूंगरपुर से आये लाभार्थियों आदिवासी किसानो के लिए खरगोश पालन इकाई का वितरण तथा किसान-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया l
इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में श्री ताराचंद भगोरा, भूतपूर्व महासचिव एवं लोकसभा सांसद डूंगरपुर- बांसवाड़ा उपस्थित थे।
इसकी अध्यक्षता, डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर द्वारा की गईl
यहां श्रीमती आशा देवी अहारी सरपंच सवगढ़ पंचायत व भूतपूर्व प्रधान दोवाड़ा ब्लॉक, संजय कलसुआ सरपंच रास्तापाल, सरपंच मथुगामरा व अन्य पंचायत के जन प्रतिनिधि भी विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लियाl
डॉ. गणेश सनावने टीएसपी नोडल अधिकारी अविकानगर द्वारा डूंगरपुर जिले मे की जा रही गतिविधि की विस्तार से जानकारी, यहां पधारे अतिथियों ओर आदिवासी किसान को दीl उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा वितरित भेड़-बकरी तथा खरगोश के उन्नत नस्ल आदिवासी किसानो को प्रदान किया गयाl जिसके द्वारा ये आशा की गई कि ये आदिवासी किसान अपने अन्य आदिवासी किसानो को प्रसार करेंगेl उन्होंने खरगोश के पोषण व स्वास्थ प्रबंधन पर विस्तार से आदिवासी लाभार्थियों से संवाद किया ओर बताया कि आधुनिक जीवन शैली की बीमारी जैसे हार्ट स्ट्रोक के लिए खरगोस मीट अच्छा विकल्प हैl
मुख्य अतिथि, श्री ताराचंद भगोरा, भूतपूर्व लोकसभा सांसद ने संस्थान द्वारा डूंगरपुर जिले में आदिवासी किसानों के लिए किए जा रहे प्रयास के लिए संस्थान के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर का आभार व्यक्त कियाl उन्होंने जिले के किसानों द्वारा संस्थान की उन्नत तकनीक तथा नस्लों को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का निवेदन किया l
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर ने कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि भेड़-बकरी तथा खरगोश गरीबों के पशु हैं जिनको आदिवासी महिला एवं पुरुष किसान, घर पर ही कम संसाधन में पालकर अपनी आजीविका आसानी से चला सकता हैl निदेशक ने आदिवासी भाई व बहनो से निवेदन किया कि छोटे पुश भेड़-बकरी एवं खरगोश चलते फिरते एटीएम है जिनसे किसी भी समय मांस, मनी एवं मिल्क प्राप्त किया जा सकता हैl उन्होंने कहा कि अन्य पुश जैसे गाय व भैंस की अपेक्षा कम संसाधन तथा इस जिले (डूंगरपुर) की परिस्थिति में पाला जा सकता हैl डॉ. तोमर ने यहां आग्रह किया कि भेड़ एवं बकरी के लिए संचालित राष्ट्रीय पशुधन मिशन में भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से अपने व्यवसाय को एग्रीटेक में बदल कर सफल उधमी बनेl निदेशक ने आदिवासी किसानो को आर्गेनिक फार्मिंग पर जोर देते हुए इंटीग्रेटेड फार्मिंग अपनाने के लिए प्रेरित कियाl जिससे आदिवासी किसानो को क़ृषि, बागवानी, पोल्ट्री एवं पशुपालन के माध्यम से सालभर कमाई होती रहेl
यहां उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों ने भी सभा को संबोधित किया और संस्थान का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए सभी आदिवासी किसान भाइयों को प्रेरित कियाl उपस्थित अतिथियों द्वारा 25 आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों को स्टील बाल्टी, तसला, फावड़ा , स्वास्थ कैलेंडर, 2किलो मिनरल्स मिक्सर ईट, दो खरगोश के पिंजरे, 100 किलोग्राम खरगोश पैलेट फीड तथा 4 फीमेल एवं 1 मेल खरगोश पालन इकाई का वितरण डूंगरपुर जिले की विभिन्न ब्लॉक के ट्राइबल लाभार्थी को कार्यक्रम मे उपस्थित अतिथि द्वारा किया गयाl
इस प्रकार, 12 ट्राइबल लाभार्थी डूंगरपुर ब्लॉक (सुरपुर, मथुगामडा, खेड़ा कछुवासा आदि पंचायत के लाभार्थी, 9 लाभार्थी सीमलवाड़ा ब्लॉक (रास्तापाल तथा बोड़ामाली) और 4 लाभार्थी दोवाडा ब्लॉक (बसीपाल तथा डेगाना आदि) से किसान संगोष्ठी मे भाग लेकर अविकनगर के वैज्ञानिक द्वारा लाभान्वित हुएl
कार्यक्रम में मंच संचलन एवं मीडिया कार्य, डॉ. अमर सिंह मीना, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सदस्य टीएसपी द्वारा किया गयाl
यहां, डूंगरपुर जिले के विभिन्न ब्लॉक के ट्राइबल लाभार्थियों का चयन, कार्यक्रम रूपरेखा सफल बनाने मे श्री सोहन लाल अहारी तथा रमन कलसुवा, अविकानगर संस्शान के कर्मचारी ने भी अपना पूरा योगदान दियाl
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर)
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