27 मार्च, 2023, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में आज ”श्री अन्नः कृषक समृद्धि का आधार“ विषय पर 46वें कृषि विज्ञान मेला का आयोजन किया गया।
समारोह की मुख्य अतिथि, पद्म भूषण डॉ. राजेन्द्र सिंह परोदा, पूर्व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, भारत सरकार एवं महानिदेशक-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली रहे। मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किये जा रहे शोध कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान अपने शोध कार्यों हेतु बधाई के पात्र हैं क्योंकि इसके कार्यों को स्वयं कृषकों ने प्रमाणित किया है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने कृषि विशेष रूप से पर्वतीय कृषि को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया है। डॉ. परोदा ने संस्थान के संस्थापक, प्रो. बोसी सेन को नमन करते हुए कहा कि प्रो. सेन द्वारा इस संस्थान की स्थापना पर्वतीय कृषि में एक विशेष क्रान्ति लाई है। कृषि विविधीकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कृषि विज्ञान मेले का आयोजन पर्वतीय कृषकों के बीच नयी तकनीकों के प्रसार हेतु लाभकारी सिद्ध होगा। साथ ही पर्वतीय कृषि में महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि खेत का पानी खेत में तथा हर मेड़ पर पेड़ का अनुसरण करना चाहिए।
डॉ. परोदा ने स्वयं सहायता समूह और कृषक उत्पादक संगठन बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इन समूहों के माध्यम से कृषि लागत में कमी के साथ ही आमदनी में वृद्धि संभव होगी। अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न (श्री अन्न) वर्ष - 2023 के अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार कृषकों के उत्पादित मोटे अनाजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी।
समारोह के अध्यक्षता करते हुए नगर पालिकाध्यक्ष, श्री प्रकाश चन्द्र जोशी ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही वैज्ञानिक पद्वतियों की सराहना करते हुए किसानों से आग्रह किया कि वे इन पद्धतियेां का लाभ उठा कर अपनी फसल उपज को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे जलवायु परिवर्तन के मघ्येनजर तकनीकियों में बदलाव लाएं।
विशिष्ट अतिथि, डॉ. सुनील नौटियाल, निदेशक गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि यह संस्थान पर्वतीय कृषि तंत्र को मजबूत कर रहा है तथा अपनी विकसित तकनीकों को दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक भी पहॅंुचाने में सफल हो रहा है।
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी के निदेशक, प्रसार, डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष - 2023 के मद्देनजर पर्वतीय कृषि के उत्पादन एवं गुणवत्ता के दो क्षेत्रों में शोध करने पर बल दिया।
आकाशवाणी अल्मोड़ा के निदेशक, श्री रमेश चन्द्रा ने कृषकों से आकाशवाणी द्वारा प्रसारित संस्थान के कृषि शोध एवं कृषि समसामयिक जानकारी का लाभ उठाने का अनुरोध किया तथा उन्हें देश की तरक्की में योगदान देने को कहा।
मुख्य कृषि अधिकारी, श्री धनपत कुमार ने राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं एवं अनुदान से कृषकों को अवगत कराया।
मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान की प्रजातियों नामतः वी.एल. सोया 99, वी.एल. मंडुवा 400 तथा वी.एल. सीड प्रतीक चिन्ह का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, उत्तरकाशी की प्रशिक्षण पुस्तिका ”प्राकृतिक खेती-कम लागत एवं स्वस्थ पर्यावरण का सरल विकल्प“, संस्थान के प्रसार प्रपत्रों तथा “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचित धान की वैज्ञानिक खेती“ एवं “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में सोयाबीन एवं भट्ट की उन्नत खेती“ का विमोचन किया गया।
संस्थान के निदेशक, डा. लक्ष्मी कान्त ने मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथियों, आगन्तुकों व कृषकों का स्वागत करते हुए पर्वतीय कृषि के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गए शोध कार्यों तथा विकसित तकनीकों का विवरण दिया गया। उन्होंने सभी को अवगत कराया कि इस कृषि विज्ञान मेले में प्रदेश के दूरस्थ 8 जिलों के 500 से भी अधिक कृषक प्रतिभागिता कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियां दूरस्थ स्थानों में भी सफल हो रही है।
मेले के दौरान प्रगतिशील किसान श्री शोबन राम, श्री इन्द्र सिंह रैखवाल, श्री उमेश चन्द्र, श्री मदनमोहन, श्री राहुल सिंह, श्रीमती महेशी देवी, श्री बब्बू लाल आर्या एवं श्री प्रेम पाल जी को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजना के अन्तर्गत विभिन्न कृषक समूहों एवं कृषकों को वी.एल. मंडुवा थ्रेशर, पावर वीडर एवं लघु कृषि यंत्रों का वितरण किया गया।
मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पर्वतीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा त्वरित समाधान किया गया। यहां पर विभिन्न कृषकों द्वारा अपने अनुभव भी साझा किये गये। इस किसान मेले में कृषक गोष्ठी का संचालन डॉ. बी.एम. पांडे तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराधा भारतीय एवं धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. जे.के. बिष्ट, विभागाध्यक्ष ने किया।
यहां आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रतिभागिता की गई एवं लगभग 35 प्रदर्शनियां भी लगायी गयी। विभिन्न संस्थानों एवं विभागों के वैज्ञानिक एवं अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)
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