अटारी जोन VIII के केवीके के लिए शुरू किए गए नए कार्यक्रमों पर समीक्षा कार्यशाला तथा इस जोन के एसएयू के डीईई के साथ बातचीत बैठक आयोजित

अटारी जोन VIII के केवीके के लिए शुरू किए गए नए कार्यक्रमों पर समीक्षा कार्यशाला तथा इस जोन के एसएयू के डीईई के साथ बातचीत बैठक आयोजित

4 मई, 2023, पुणे

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पुणे ने आज भाकृअनुप-अटारी केकेवी, पुणे में शुरू किए गए नए कार्यक्रमों के आधार पर अटारी जोन VIII (महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा) के केवीके की समीक्षा कार्यशाला और जोन के एसएयू के डीईई के साथ बातचीत बैठक का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. यू.एस. गौतम, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने कृषि की प्रगति में कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने केवीके से जमीनी स्तर पर निष्कर्षों के आधार पर नीतिगत कागजात विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने केवीके को एकल विंडो सूचना स्रोत एवं क्षमता विकास व्यवस्था के रूप में विकसित करने का भी आह्वान किया। डॉ. गौतम ने इस बात पर जोर दिया कि हर तीन साल में, अभ्यासों के पैकेज पर विभिन्न सिफारिशों को अद्यतन किया जाना चाहिए। उन्होंने नियमित रूप से किसान सारथी, केवीके पोर्टल तथा दर्पण पोर्टल पर केवीके गतिविधियों को अपडेट करने के महत्व पर जोर दिया।

Review Workshop of KVKs of ATARI Zone VIII on newly introduced programmes in KVKs and Interaction meeting with DEEs of SAUs in the Zone   Review Workshop of KVKs of ATARI Zone VIII on newly introduced programmes in KVKs and Interaction meeting with DEEs of SAUs in the Zone

अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. अशोक कुमार सिंह, सम्मानित अतिथि, कुलपति, आरएलबीसीएयू, झांसी ने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों को लागू करने में केवीके की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केवीके में अभिसरण मॉडल, ड्रोन के कुशल उपयोग, जियो-टैगिंग प्रयोगों तथा फसल कैफिटेरिया जैसे विभिन्न पहलुओं पर भी जोर दिया।

डॉ. एस.के. रॉय, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने अपने स्वागत संबोधन में डीईई, केवीके तथा अटारी के बीच बातचीत को सक्षम बनाने में समीक्षा बैठक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ड्रोन, प्राकृतिक खेती के लिए परियोजनाओं को लागू करने में केवीके एवं अटारी की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा केवीके के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों तक पहुंचाने का आग्रह भी किया।

इस जोन से संबन्धित एसएयू के विस्तार शिक्षा निदेशकों ने कार्यशाला के दौरान केवीके की निगरानी एवं समीक्षा, तकनीकी बैकस्टॉपिंग, मानव संसाधन विकास कार्यक्रम, केवीके में बुनियादी ढांचे की स्थिति तथा कर्मचारियों की स्थिति एवं अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों पर प्रस्तुति दी।

इस प्रकार महाराष्ट्र, गुजरात एवं गोवा के 82 केवीके के प्रमुख, एसएमएस तथा अन्य केवीके के कर्मचारी हाइब्रिड मोड में इस कार्यक्रम में भागीदारी की।

कार्यशाला में, कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)

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