महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए विश्व स्तर पर हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
वर्तमान वर्ष की थीम #EmbraceEquity को ध्यान में रखते हुए, भाकृअनुप संस्थानों ने अखिल भारतीय दिवस को पूरे उत्साह के साथ मनाया।
8 मार्च, 2023
भाकृअनुप मुख्यालय
2 मार्च, 2023 को भाकृअनुप मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
मुख्य अतिथि, सुश्री अलका नांगिया अरोड़ा, अतिरिक्त सचिव (डेयर) एवं वित्तीय सलाहकार (भाकृअनुप) ने समाज के समग्र विकास में महिला शक्ति की भूमिका पर जोर दिया।
इस अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद
डॉ. एस.बी. बरबुद्धे, निदेशक, भाकृअनुप-एनएमआरआई ने भारतीय संस्कृति में अति प्राचीन काल से महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम यानी 'डिजिटऑल- लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी' के बारे में बताया और चर्चा की कि कैसे डिजिटल कृषि वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण प्राप्त करने, गरीबी कम करने और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

इस अवसर पर एनएमआरआई के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर्स की सफल महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं और उन्हें सम्मानित किया गया।
भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जलजीव पालन संस्थान, चेन्नई
मुख्य अतिथि, डॉ. बाबू रंगराजन, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने अपने संबोधन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता एवं संघर्ष प्रबंधन के महत्व पर बल दिया।
डॉ. कुलदीप कुमार लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के महत्व और जीवन में भावनाओं को संतुलित करने की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
महिला दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, भाकृअनुप-सीबा के कर्मचारियों द्वारा 57,000/- रुपये नेत्रोदय, एक स्व-सहायता संगठन जो विकलांगों (दृष्टिबाधित और शारीरिक रूप से अक्षम) के कल्याण के लिए काम कर रहा है, को दान किया गया।
इस अवसर पर रंगोली व तात्कालिक प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल
भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान ने 6 मार्च, 2022 को ग्राम बोरखेड़ी, फंडा ठेसिल, भोपाल जिले में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) कार्यक्रम का आयोजन किया। यहां, "मृदा स्वास्थ्य, अपशिष्ट से धन और महिला पोषण के प्रबंधन के माध्यम से कृषि महिलाओं की आजीविका में सुधार" कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारियों सहित लगभग 150 कृषि महिलाओं ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि, सुश्री कोकिला चतुर्वेदी, म.प्र. जन अभियान परिषद, भोपाल ने लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण को प्राप्त करने के लिए डिजिटल युग में तकनीकी परिवर्तन और शिक्षा में प्रगति को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अतिथि वक्ता, श्रीमती शोभा लोधी, स्मार्टन सेंटर फॉर डेवलपमेंट, बरखेड़ी, सीहोर ने कृषक महिलाओं को वर्मीकम्पोस्टिंग का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न महिला-केन्द्रित कार्यक्रमों के प्रमुख लाभों और विशेषताओं के बारे में कृषक महिलाओं को जानकारी दी।
इस कार्यक्रम को संबल प्रदान करने के लिए, श्रीमती पूर्वा राय, एंकर एवं न्यूज़ रीडर, भोपाल दूरदर्शन ने समुदायों को संगठित करने, महिलाओं को सशक्त बनाने, और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने तथा लैंगिक समानता के मुद्दों पर बदलाव के लिए समुदाय आधारित पहल के महत्व को रेखांकित किया।
बाद में, "द मशरूम हाउस" की संस्थापक, सुश्री निकिता जैन ने आमदनी और वेस्ट-टू-वेल्थ जनरेशन के लिए मशरूम की खेती की संभावना पर बात की।
इस अवसर पर कुछ प्रगतिशील कृषि महिलाओं और विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
यूट्यूब (https://youtu.be/Tf48qrz2DQU) पर एक वीडियो जारी किया गया था।
भाकृअनुप-सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर
भाकृअनुप-सीफा और केवीके, खोरधा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के अवसर पर "एक्वा-प्रेन्योरशिप के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना: सतत आजीविका के लिए आगे का रास्ता" पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, डॉ. (श्रीमती) बिनोदिनी मिश्रा, सीनियर कंसल्टेंट एवं मास्टर ट्रेनर ने "कृषि और मत्स्य पालन में महिला उद्यमिता को मजबूत करना" पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने सशक्तिकरण और इक्विटी लाने के लिए महिला लाभार्थियों को समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जैविक खेती, वन विकास और किचन गार्डन में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया।
डॉ. प्रमोदा कुमार साहू, निदेशक, भाकृअनुप-सीफा ने विभिन्न परियोजनाओं और केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं के माध्यम से महिला किसानों के सशक्तिकरण के लिए संस्थान द्वारा आयोजित किए जा रहे विभिन्न आजीविका विकास कार्यक्रमों के बारे में बताया।
संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. कांता दास महापात्र ने सम्मानित अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई और सुझाव दिया कि शहरी और ग्रामीण दोनों महिलाएं जलीय कृषि को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं, और "महिला उद्यमियों के लिए एक व्यवहार्य आजीविका विकल्प के रूप में गुणवत्तापूर्ण मछली बीज उत्पादन" पर एक प्रस्तुति भी दी।

भाकृअनुप-सीआईएफए के कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रधान अन्वेषक, डॉ. नागेश के. बारिक ने राज्य में महिला उद्यमियों के विकास में संस्थान द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयासों के बारे में सदन को अवगत कराया। उन्होंने "जलजीव पालन में महिलाओं के लिए उद्यमिता के अवसर" पर व्याख्यान दिया।
नए व्यापार मॉडल और नए कृषि मॉडल के निर्माण पर एक संवाद सत्र आयोजित किया गया।
कार्यशाला को आरकेवीवाई प्रोजेक्ट, ओडिशा, भाकृअनुप-सीआईएफए द्वारा वित्त पोषित किया गया था और इसमें ओडिशा के खोरधा जिले से 50 महिला उद्यमियों और किसानों ने भाग लिया था।
दोपहर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि, डॉ. सोमा चट्टोपाध्याय, वैज्ञानिक एफ, संक्रामक जीव विज्ञान विभाग, डीबीटी- जीवन विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर ने अपने दैनिक कार्य को अधिक शांतिपूर्ण और प्रभावी बनाने के लिए अपनी शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शक्ति में सुधार करने के बारे में बात की।
डॉ. प्रमोद कुमार साहू ने महिला सशक्तिकरण के लिए संस्थान द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया।
(स्रोत: संबंधित भाकृअनुप संस्थान)
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