8 मई, 2023, धेमाजी, असम
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम में आज 'कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में विकासात्मक दृष्टिकोण' पर एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई।
श्री परमानंद छायेंगिया, मुख्य कार्यकारी सदस्य, एमएसी ने कृषि क्षेत्रों में ग्रामीण जनता की बुनियादी जरूरतों तथा रोजगार एवं आर्थिक लाभ के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में आजीविका आधारित अवसरों को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कृषि उत्पादों से सुनिश्चित प्राप्ति के लिए गुणवत्तापूर्ण मछली बीज एवं रोपण सामग्री के उत्पादन पर जोर दिया।
डॉ. दीपज्योति बरुआ, वैज्ञानिक प्रभारी, आईएआरआई, असम ने भाकृअनुप-आईएआरआई, असम द्वारा 2017 में अपनी स्थापना के बाद से किए जा रहे क्षेत्र-आधारित अनुसंधान, परीक्षणों और आउटरीच कार्यक्रमों की जानकारी दी।
डॉ. अनिल कु. पेगू, ओएसडी, एमएसी ने एमएसी क्षेत्रों में की गई विभिन्न गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया, जिससे पूरे समुदाय को लाभ हुआ।
डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, आईएआरआई, असम ने चावल की परती भूमि का उपयोग करने के लिए फसल प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव रखा।
डॉ. के.बी. पुन, पूर्व नोडल अधिकारी, आईएआरआई, असम ने इस क्षेत्र में फलों की उच्च पैदावार प्राप्त करने के लिए अच्छे मातृ स्टॉक को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
एमएसी के कार्यकारी सदस्यों ने आईएआरआई, असम के सहयोग से कौशल उन्मुख क्षमता निर्माण कार्यक्रम विकसित करने का सुझाव दिया।
बैठक में आईएआरआई, असम के वैज्ञानिकों और मिजिंग स्वायत्त परिषद के कार्यकारी सदस्यों सहित 30 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram