भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने मवेशी के दूध वसा को फिर से डिजाइन करने के लिए फाइटो-सप्लीमेंट 'ओएमईबी' का किया व्यवसायीकरण

भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने मवेशी के दूध वसा को फिर से डिजाइन करने के लिए फाइटो-सप्लीमेंट 'ओएमईबी' का किया व्यवसायीकरण

27 अप्रैल, 2023, बेंगलुरु

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण और शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने आज एग्रीइनोवेट इंडिया के माध्यम से नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर मैसर्स जय श्री कामधेनु प्रोडक्ट्स एलएलपी, दिल्ली को 'ओएमईबी' तकनीक का लाइसेंस दिया।

डॉ. राघवेंद्र भट्ट, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएनपी, बेंगलुरु, और श्री नमन जैन और श्री भरत जैन, निदेशक, मैसर्स जय श्री कामधेनु प्रोडक्ट्स एलएलपी, दिल्ली ने अपने संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।

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डॉ. भट्टा ने कहा कि क्षेत्र में ओएमईबी को अपनाने से दुग्ध वसा मॉडुलन और स्वस्थ दूध के उत्पादन के माध्यम से अधिक आय प्राप्त करके डेयरी किसानों को मदद मिलेगी।

डॉ. एम.आर. ससींद्रनाथ, कुलपति, केवीएएसयू और भाकृअनुप-एनआईएएनपी के अध्यक्ष क्यूआरटी के साथ-साथ सदस्य डॉ. यू. कृष्णमूर्ति, डॉ. नंजप्पन, डॉ. एच.के. गुप्ता और डॉ. जय कौशिक, प्रौद्योगिकी के आविष्कारक डॉ. प्रदीप मलिक और आईटीएमयू के प्रभारी डॉ. अतुल कोल्टे भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे।

व्यापक अनुसंधान के माध्यम से एनआईएएनपी द्वारा ओएमईबी तकनीक विकसित की गई थी और डेयरी पशुओं में क्षेत्र अध्ययन के माध्यम से दूध वसा मॉडुलन के लिए मान्य किया गया था। ओएमईबी मोनो और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। यह तकनीक उत्पाद दूध के संयुग्मित लिनोलिक एसिड और ओमेगा फैटी एसिड सामग्री में भी सुधार करता है।

संस्थान ने प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट (संख्या 202211040737) दायर किया और पहले कर्नाटक तथा गुजरात की दो फर्मों के लिए इसका व्यवसायीकरण किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण और शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)

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