8 अप्रैल, 2023, इज्जतनगर
भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर का केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला द्वारा भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान संस्थान के वैज्ञानिक एवं छात्रों को दिए अभिभाषण में उन्होंने संस्थान में चल रही शोध गतिविधियों की सराहना की तथा बताया कि देश में उच्च गुणवत्ता के मापदंडों से निर्मित वैक्सीन की जानकारी संस्थान में आकर मिली।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ब्राजील के एक परिवार ने भारतीय गिर प्रजाति की गाय के संवर्धन द्वारा जो उपलब्धि हासिल की है वह उसे अपने देश भारत के साथ बांटना चाहते हैं| इसके साथ ही उन्होंने भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित वृंदावनी प्रजाति की भी प्रशंसा की। केन्द्रीय मंत्री ने छात्रों से आशा जाहिर की कि देश के सर्वोच्च संस्थान में पशु विज्ञान में शिक्षा हासिल कर समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए अग्रसर हों। उन्होंने अपने देश भ्रमण से प्राप्त अनुभव को साझा करते हुए कहा कि गधा, बकरी तथा ऊंट के दूध के व्यवसायीकरण समय की मांग है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पशुपालन क्षेत्र को एक प्राइम सैक्टर के रूप में विकसित करने का विचार किया है तो, निश्चित तौर पर, इससे देश एवं समाज के साथ-साथ पशुओं का भी भला होगा।
श्री परशोत्तम रुपाला ने संस्थान के विभिन्न विभागों एवं अनुभागों में शोध कार्य की समीक्षा की एवं संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों का निरीक्षण किया जिसमें उन्हें संस्थान के प्रारम्भ से लेकर वर्तमान तक आईवीआरआई द्वारा विकसित तकनीकों को दिखाया गया।
केन्द्रीय मंत्री द्वारा परिसर भ्रमण के दौरान बताया गया कि मानकीकरण विभाग पूरे भारत ही नहीं अपितु विश्व से आयातित वैक्सीनों की गुणवत्ता परीक्षण भी यहां होता है। पिछले 54 सालों से लगातार वैक्सीन टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। मानकीकरण विभाग को सेन्ट्रल ड्रग लबोरेटरी के रूप में चिन्हित किया है। इस विभाग द्वारा पशुओं की महत्वपूर्ण चार बीमारियों के टीके ब्रूसल्लोसिस, पीपीआर, क्लासिकल स्वाइन फीवर तथा खुरपका मुंहपका बीमारी के टीके की गुणवत्ता जांच की जाती है।
इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा विकसित लम्पी प्रो, ब्रूसेल्ला, पी.पी. आर, सीएसएफ, भेड़ बकरी में पोक्स, गमबोरो, डक प्लेग, आईबी आर वैक्सीन तथा विभिन्न रोगों के नैदानिकों का भी केन्द्रीय मंत्री के सामने प्रदर्शन किया गया एवं विस्तार से जानकारी दी गई। आगे यह भी बताया गया कि पशु रोग शोध और निदान केन्द्र (कैडराड) की स्थापना वर्ष 1986 में हुयी थी। यहां पशुओं की बीमारियों के नूमने की जांच की जाती है। यह केन्द्र प्रतिवर्ष तीस से पैंतीस हजार नमूनों की जांच करता है एवं समय से बीमारी के रोकथाम के बारे में रिर्पोट देता है। इस प्रकार विगत 25 वर्षों में विभाग ने लगभग 88 मिल्यन डोज़ टीके, 19 मिल्यन डोज़ नैदानिकी के उत्पादन द्वारा क़रीब 113 मिलियन रुपए की आय अर्जित की हैI
इस भ्रमण के दौरान श्री धर्मपाल सिंह, मंत्री, पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ के अध्यक्ष, डॉ. डी.सी. वर्मा तथा संस्थान निदेशक, डा. त्रिवेणी दत्त तथा संस्थान के संयुक्त निदेशक, कैडराड, डॉ. के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, शोध, डा. एस.के. सिंह तथा संयुक्त निदेशक गण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में 26 मार्च को 520 मोबाइल वेटेनरी यूनिट प्रदान कर यहां के पशुओं के लिए बड़ा काम किया है उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को भी एक मोबाइल वेटनरी व्हेन देने की घोषणा की जिससे संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को पशुपालकों को चिकित्सा उपलब्ध कराने में आसानी होगी ।
बरेली के सांसद, श्री संतोष गंगवार ने इस अवसर पर संस्थान में चल रहे शोध के देशव्यापी महत्त्व की प्रशंसा की तथा आशा व्यक्त की कि केन्द्रीय मंत्री रुपाला जी के मार्गदर्शन से संस्थान के अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
मीरगंज विधायक तथा उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष, डॉ. डी.सी. वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
अपने स्वागत संबोधन में डॉ. त्रिवेणी दत्त, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर के निदेशक एवं कुलपति, ने संस्थान द्वारा पिछले 133 वर्षों में किए गए पशु चिकित्सा शोध पर विस्तार से चर्चा की। निदेशक ने कहा कि आगामी सत्र से संस्थान में वेटेनरी साइंस के अतिरिक्त फूड साइंस, बायोकेमिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी आदि विषयों पर भी अंडर ग्रेजुएट कोर्स का शुभारंभ हो जाएगा।
वैज्ञानिक (डॉ.) हिमानी ढाजे द्वारा कार्यक्रम का संचालन तथा संस्थान की संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ. रूपसी तिवारी ने सभी आगन्तुक का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर)
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