"पंजाब में गेहूं की फसल के सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन एवं प्रतिक्रिया"
26 मार्च, 2023, करनाल
भाकृअनुप-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल ने पंजाब में बेमौसम बारिश के बाद फसल सुधार से संबन्धित गेहूं प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और प्रतिक्रिया के लिए कृषि से संबन्धित किसान-वैज्ञानिक सहभागिता कार्यक्रम का आयोजन किया।
डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल ने पंजाब के तीन जिले पटियाला, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब के गेहूं के खेतों का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के बेहतर शमन के लिए किसानों के खेत में गेहूं के किस्मों के विविधीकरण और कटाई के बाद के प्रसंस्करण और प्रबंधन का आग्रह किया। उन्होंने किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में जारी नई किस्मों को तेज गति से अपनाने में पंजाब के किसानों के प्रयासों की सराहना की और किसानों के खेत में नई किस्मों को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।

डॉ. अमित शर्मा, नोडल अधिकारी (बीज) ने ऑनलाइन आईआईडब्ल्यूबीआर बीज पोर्टल के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों को बेहतर उपज के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज के उपयोग तथा बीज वितरण के आईआईडब्ल्यूबीआर बीज वितरण मॉडल के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक ने विभिन्न बीज उत्पादकों तथा अभिनव किसानों जिसके 500 कि.मी से अधिक क्षेत्र बीज उत्पादन के लिए आच्छादित है, वैसे किसान, जैसे - श्री गुरिंदर पाल सिंह (संगरूर), गुरमीत सिंह संधू (पटियाला), हरप्रीत सिंह (पटियाला), गुरुमैल सिंह (संगरूर) के साथ उनके खेतों में बातचीत की। आईआईडब्ल्यूबीआर के गेहूं के विभिन्न किस्मों अर्थात, डीबीडब्ल्यू 370, डीबीडब्ल्यू 371, डीबीडब्ल्यू 372, डीबीडब्ल्यू 327, डीबीडब्ल्यू 303. डीबीडब्ल्यू 222 के प्रदर्शन की निगरानी भी की गई।
डॉ. हनीफ खान ने किसानों को उपज तथा पोषक गुणों के आधार पर नई किस्मों को अपनाने का सुझाव दिया।
डॉ. सेवा राम ने पोषण सुरक्षा में उच्च जस्ता, लोहा एवं प्रोटीन के साथ बायोफोर्टिफाइड किस्मों के महत्व पर प्रकाश डाला। टीम ने विभिन्न जिलों में बेमौसम भारी बारिश के बाद फसल कटाई के स्पेक्ट्रम और गेहूं की फसल में विविधता और कृषि संबंधी हस्तक्षेप के साथ इसके संबंध का आकलन भी किया।
नवीनतम उच्च उपज वाले गेहूं और जौ की किस्मों के बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन और ऑनलाइन बीज पोर्टल के माध्यम से उनके बीज वितरण के लिए आईआईडब्ल्यूबीआर के प्रयासों की किसानों ने सराहना की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल)
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