15 अप्रैल, 2023, कानपुर
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर), कानपुर का दौरा किया।
अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने संस्थान के मुख्य परिसर में एग्री-बिजनेस इन्क्यूबेशन यूनिट (एबीआईयू) का उद्घाटन किया और इनक्यूबेट्स तथा सलाहकारों के साथ बातचीत की।
महानिदेशक ने संस्थान की अनुसंधान उपलब्धियों की सराहना की और दालों, विशेष रूप से अरहर और मसूर जो सबसे अधिक आयातित दलहनी फसल हैं, के उत्पादन में वृद्धि करने का आग्रह किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से अजैविक और जैविक दबावों से बचने के लिए प्रतिरोधी दालों की किस्मों को विकसित करने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने समान जनादेश के साथ काम करने वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ मजबूत अनुसंधान सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से अनुसंधान लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित करने और उन्हें कम समय सीमा में प्राप्त करने का भी आग्रह किया।
डॉ. पाठक ने प्रगतिशील किसानों और दलहन बीज उत्पादकों को सम्मानित किया और दो प्रकाशनों का विमोचन भी किया।
महानिदेशक ने संस्थान के पोस्ट हार्वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट, जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, कीट विज्ञान और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं और संस्थान के नए अनुसंधान परिसर में स्थित बीज उत्पादन फार्म और प्रसंस्करण इकाई सहित विभिन्न सुविधाओं का दौरा किया।
डॉ. जी.पी. दीक्षित, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईपीआर ने संस्थान में किए गए दाल अनुसंधान और विकासात्मक गतिविधियों और देश में दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर)
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