1 अप्रैल, 2023, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने आज यहां अपना स्थापना दिवस मनाया।
मुख्य अतिथि, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), भाकृअनुप ने "अमृत काल में भारतीय कृषि – भाकृअनुप की पहल" पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया।
डॉ. पाठक ने भारतीय कृषि के सामने आने वाली चुनौतियों और भविष्य में कृषि के क्षेत्र में प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों और अनुमानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए पारंपरिक ज्ञान एवं एकीकरण के साथ-साथ आधुनिक कृषि में लचीला, माध्यमिक और डिजिटल कृषि की पहल पर और इसे अपनाने पर जोर दिया। महानिदेशक ने कहा कि कृषि में कई और लगातार चुनौतियों का समाधान करने के लिए भाकृअनुप ने उत्पादन को प्रमाणित करने और प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा, भाकृअनुप को अधिकार देने और प्रशासन में सुधार, एएसआरबी को पुनर्जीवित करने और उद्योग और वैश्विक संगठनों के साथ सहयोग करने सहित कई पहल की जरूरत हैं। उन्होंने विकास के लिए एक नया रोडमैप विकसित करने की दृष्टि से अपना व्याख्यान समाप्त किया जिसमें जलवायु के अनुकूल कृषि और नए कौशल से लैस ग्रामीण और शहरी युवाओं को इसमें जोड़ने के साथ ही विकासशील देश कम कार्बन, नाइट्रोजन, पानी और ऊर्जा के उत्सर्जन के दृष्टिकोण के साथ और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
डॉ. एच.एस. गुप्ता, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, और डॉ. आरबी सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, और पूर्व अध्यक्ष, एएसआरबी क्रमशः सम्मानित अतिथि और सत्र के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे।
डॉ. गुप्ता ने वर्तमान परिदृश्य में भारतीय कृषि के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
प्रारंभ में, डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई ने विभिन्न हितधारकों के लाभ के लिए वर्ष 2022-23 में संस्थान की महत्वपूर्ण अनुसंधान गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
संस्थान के प्रयासों, उपलब्धियों और विभिन्न गतिविधियों की झलक दिखाने के लिए एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
इस प्रकार, एससीएसपी कार्यक्रम के तहत विभिन्न कलस्टरों के किसानों ने संस्थान से जुड़ने के बाद ग्राम स्तर पर होने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में अपने विचार और अनुभव साझा किए।
गणमान्य व्यक्तियों ने कुछ प्रकाशनों का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर एससीएसपी कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न समूहों के वैज्ञानिक, कर्मचारी, छात्र और किसान उपस्थित रहे।
डॉ. आर.एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), भाकृअनुप-आईएआरआई ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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