25 मार्च, 2023, अल्मोड़ा
कृषि में सूत्रकृमि पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) के तत्वावधान में 25 मार्च, 2023 को प्रायोगिक फार्म, हवालबाग, भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में सूत्रकृमि जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य नेमाटोड, उनके लक्षण, निदान और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और किसानों तथा हितधारकों को व्यावहारिक समाधान प्रदान करना था।
डॉ. लक्ष्मीकांत, निदेशक, भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा ने नेमाटोड प्रसार के लिए सतर्कता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और हिमाचल प्रदेश में आलू सिस्ट नेमाटोड के प्रसार के मामले को विस्तार से समझाया। उन्होंने किसानों से टिकाऊ तथा प्रभावी नेमाटोड निगरानी और सतर्कता प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए शोधकर्ताओं के साथ सहयोग करने और उनके साथ बने रहने का आग्रह किया।
डॉ. बी.एम. पांडे, समन्वयक प्रशिक्षण प्रकोष्ठ और प्रमुख, सामाजिक विज्ञान, भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा ने आलू उगाने वाले क्षेत्रों में सूत्रकृमि निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. एन.के. हेदौ, प्रमुख फसल सुधार प्रभाग ने संरक्षित खेती के तहत नेमाटोड की समस्याओं के बारे में बात की।
डॉ. आशीष कुमार सिंह, वैज्ञानिक, प्लांट नेमेटोलॉजी ने नेमाटोड के लक्षण, निदान और सैंपलिंग पर व्याख्यान दिया।
डॉ. कवालीपुरपु क्रांति केवीवीएस, वैज्ञानिक, पादप सूत्रकृमि विज्ञान, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से संरक्षित खेती के तहत नेमाटोड के प्रबंधन पर व्याख्यान दिया।
कार्यशाला में नीति, माणा, परसारी, जेलम, कैलाशपुर, अंचल सहित चमोली अंचल के गांवों के 109 पुरुष एवं महिला किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)
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