मांस प्रसंस्करण उद्यम सफलता के साथ स्थापित

मांस प्रसंस्करण उद्यम सफलता के साथ स्थापित

राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र द्वारा विशेषज्ञता और सुविधा प्रदान
हैदराबाद (आंध्र प्रदेश)

मांस और मांस उत्पादों का उत्पादन और विपणन एक आकर्षक और लाभदायक व्यवसाय है। इसका लाभ उठाने और मांस उत्पाद प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी और उसकी जानकारी पाने के लिए एम. नरसिंह राव ने राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद से संपर्क किया। मांस प्रसंस्करण में संभावनाओं से प्रोत्साहित इस उद्यमी ने ‘मेलो फूड्स़’ नामक एक फर्म की स्थापना की। राष्ट्रीय कृषि नवोन्वेषी परियोजना, एनएआईपी की देख-रेख में प्रौद्योगिकियों का स्थानांतरण और उद्यम प्रशिक्षण दिया गया। ‘मेलो फूड्स’ द्वारा 31 जुलाई 2010 को मांस उत्पाद प्रसंस्करण की जानकारी के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

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मांस उद्योग के छह युवा के समूह को उद्यम द्वारा रोजगार दिया गया जो केंद्र द्वारा ‘भागीदारी प्रशिक्षण कार्यक्रम’ में सहभागी प्रशिक्षण प्राप्त थे। ‘मेलो फूड्स’ अपने उत्पादों पर केंद्र और एनएआईपी के नाम का लेबल प्रदर्शित करेगा। जब तक इस उद्यम की प्रोसेसिंग यूनिट पूरी तरह से कार्यात्मक नहीं हो जाती तब तक यह एक परीक्षण योजना के तहत कार्य करेगा और यह अपने ताजा और प्रसंस्करित मांस उत्पादों के विपणन के लिए केंद्र के मांस उत्पाद प्रसंस्करण सुविधाओं का उपयोग करेगा। उद्यम ने केंद्र के साथ विपणन के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए तथा उद्यमियों को प्रशिक्षण सर्टिफिकेट दिए गए। डॉ. के. एम. एल. पाठक, उप-महानिदेशक, पशु विज्ञान, आईसीएआर की उपस्थिति में 6 सितम्बर 2010 को इसने अपने उत्पाद लांच किए। इस अवसर पर उप-महानिदेशक, पशु विज्ञान ने केंद्र द्वारा मांस प्रौद्योगिकियों को लोकप्रिय बनाने के केंद्र के प्रयासों की सराहना की। एम. नरसिह्मा राव, सीईओ, मेलो फूड्स ने केंद्र के सहयोग पर संतोष व्यक्त किया जबकि डॉ. एन. कोंडाइया, निदेशक, राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र ने मांस प्रसंस्करण व्यापार और केंद्र के प्रयासों की संभावनाओं का विस्तृत वर्णन किया।

(स्रोत-मास मीडिया मोबलाइजेशन सब-प्रोजेक्ट, एनएआईपी, दीपा और राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद)

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