कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलुरू का 44वां दीक्षांत भाषण

कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलुरू का 44वां दीक्षांत भाषण

डॉ. अय्यप्पन ने विश्व में सर्वोत्तम प्रयास करने की सलाह दी

25 सितम्बर, 2010

‘दुनिया में जो भी रास्ता तुमने अपने लिए चुना है उसको पाने का सर्वोत्तम प्रयास होना चाहिए’ यह कहना है डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का। डॉ. अय्यप्पन कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस), बैंगलुरू के 44वें दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण दे रहे थे।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान के शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार क्षेत्र में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलुरू की क्षमता सराहनीय है। दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को प्रेरित करने और सलाह देने के साथ-साथ उन्होंने विश्वविद्यालय के एक छात्र के रूप में अपनी यादों को भी साझा किया। साथ ही उन्होंने कर्नाटक राज्य के कृषि विकास में इस विश्वविद्यालय के उल्लेखनीय योगदान पर भी विस्तार से चर्चा की।

DSC_0428.jpg

‘डॉ. अय्यप्पन ने यूएएस के कुलपति, शिक्षकों और छात्रों को उनकी निरंतर उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए कहा कि हम यूएएस को भारतीय राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक मानते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शिक्षा एक शाश्वत और जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें स्नातक की उपाधि धारण करना एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य युवाओं को उनके दिए गए लक्ष्यों को अधिक शुद्धता और पूर्णता के साथ पूरा करने के लिए तैयार करना है।

यह दीक्षांत भाषण महामहिम श्री एच. आर. भारद्वाज, राज्यपाल, कर्नाटक एवं कुलाधिपति, यूएएस, श्री एस. ए. रविंद्रनाथ, कृषि मंत्री तथा प्रो-चांसलर, यूएएस और डॉ. के. नारायण गौड़, कुलपति, यूएएस की गरिमामय उपस्थिति में दिया गया।

(स्रोत- एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, दीपा )

×