मैसूर, 12 नवम्बर 2010
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईसीएआर के तत्वावधान में पहले ‘नेशनल फार्म इनोवेटर्स मीट-2010’ का आयोजन किया गया। जेएसएस कृषि विज्ञान केंद्र, सुत्तुर, मैसूर जिला, कर्नाटक में आयोजित इस बैठक का उद्घाटन श्री शिवरात्रि देहिकेंद्रा महास्वामीजी ने किया।
अपने उद्घाटन उद्बोधन में स्वामीजी ने किसानों को मान्यता देने के लिए आईसीएआर द्वारा लिए गए नेतृत्व पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आईसीएआर भविष्य में देश भर में फैले कृषि विज्ञान केंद्रों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से कई किसानों द्वारा किए गए नवपरिवर्तन की पहचान कर सकता है।
डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईसीएआर ने देश के विभिन्न राज्यों के उन सभी किसानों को तहेदिल से धन्यवाद दिया, जिनकी प्रतिभा और नवीन विचारों से भारतीय कृषि को महत्वपूर्ण लाभ मिला है। इसके अलावा उन्होंने अपने भाषण में मुनाफे, प्रतिष्ठा एवं भागीदारी पर भी जोर दिया।
डॉ. के. डी. कोकाटे, उप-महानिदेशक, कृषि विस्तार विभाग ने नेशनल फार्म इनोवेटर्स मीट के बारे में जानकारी दी और माननीय कृषि राज्य मंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया
पद्मश्री डॉ. एम. महादेवप्पा, निदेशक (ग्रामीण विकास), जेएसएस महाविद्यापीठ, मैसूर और पूर्व अध्यक्ष (एएसआरबी) ने सरकारी पदाधिकारियों, किसानों एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह केवल एक शुरुआत है, अभी बहुत सारे फार्म इनोवेटर्स की पहचान करना और उन्हें सम्मानित करना बाकी है।
इस अवसर पर इनोवेटर्स प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन भी स्वामी जी ने सरकारी पदाधिकारियों, किसानों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया। किसानों ने प्रदर्शनी में अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में 25 राज्यों के लगभग 200 फार्म इनोवेटर्स (विशिष्ट किसान) और 50 सरकारी प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर देश भर से 139 फार्म नवाचारों को बताने वाला ‘फार्म इनोवेटर्स -2010’ नामक एक प्रकाशन भी जारी किया गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में कुल आठ विषयगत क्षेत्रों जैसे फसल सुधार, फसल उत्पादन, फसल विविधीकरण, फसल संरक्षण, जल प्रबंधन, कृषि मशीनरी, पशुधन व मत्स्य पालन प्रबंधन और फसलोपरांत प्रौद्योगिकी व मूल्य संवर्धन पर चर्चा की जाएगी।
(स्रोत- एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, दीपा और क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय, क्षेत्र-8, मैसूर)
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