भीमताल, 06 जून 2011
केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री हरीश रावत ने शीत जल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय, भीमताल में दो दिवसीय कृषि विज्ञान केंद्र इंटरफेस बैठक का दिनांक 06 जून को उद्घाटन करते हुए कहा कि विशेषज्ञों, प्रगतिशील कृषकों, कृषि विज्ञान केंद्र तथा अंशधारकों के बीच शीत जल मत्स्यन संबंधी मामलों के विचार-विमर्श के लिए इस प्रकार की बैठकों का नियमित तौर पर आयोजन आवश्यक है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजन के लिए संस्थान की भूमिका की भी तारीफ की।
माननीय मंत्री महोदय ने इस अवसर पर प्रगतिशील मत्स्य कृषकों यथा श्री कृष्णानंद गहोत्री एवं श्री बजानी (उत्तराखंड) तथा श्री मौकाई आजंग (अरुणाचल प्रदेश) का भी अभिनंदन किया। इसके अलावा श्री हरीश रावत ने हिंदी पत्रिका हिम ज्योति तथा शीत जल मत्स्य प्रजातियों की पोषण आवश्यकता पर आधारित एक बुलेटिन भी जारी की। उन्होंने संस्थान के निदेशक डॉ. पी. सी. महंत को सुझाव दिया कि वे संस्थान द्वारा विकसित पॉली टैंक फिश कल्चर सरीखी प्रौद्योगिकियों को ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास करें। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि में संगठित महिला सोसायटियों के गठन पर बल देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुल सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 1.5 से 2.0 प्रतिशत हिस्सा नई प्रौद्योगिकियों के विकास से जुड़े अनुसंधान कार्यकलापों में लगाया जाना चाहिए ताकि उत्पादकता में वृद्धि हो तथा इसका लाभ कृषकों की क्रय क्षमता में बढ़ोत्तरी के रूप में मिल सके।
इस दो दिवसीय बैठक में भा.कृ.अनु.प. के विभिन्न संस्थानों के निदेशकों, वैज्ञानिकों, कृषि विज्ञान केंद्र और प्रगतिशील कृषकों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बैठक की शुरूआत डॉ. पी. सी. महंत, निदेशक, डीसीएमआर के स्वागत भाषण से हुई।
इस अवसर पर डॉ. के. डी. कोकाटे, उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार), भा.कृ.अनु.प. ने हिमालय क्षेत्र में प्रकृति द्वारा प्रदत्त विपुल संसाधनों का उल्लेख करते हुए उनका उपयुक्त तरीके से उपयोग करने पर बल देते हुए शीत जल मत्स्यन के क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ोत्तरी की जरूरत बताई।
डॉ. बी. मीना कुमारी, उपमहानिदेशक (मात्स्यिकी), भा.कृ.अनु.प. ने अपने संबोधन में संस्थान का संक्षिप्त परिचय देते हुए बैठक में चर्चा के लिए निर्धारित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला।
(स्रोतः एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए और डीसीएफआर)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram