आनंद, गुजरात, 2 जून, 2012
डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि द्वितीयक और विशेष कृषि पर काम करने के लिए स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। वह औषधीय और सुगंधित पौधे रिसर्च (डीएमएपीआर) आनंद में स्थित निदेशालय में अतिथि गृह का उद्घाटन कर रहे थे। डॉ. अय्यप्पन ने उच्च मूल्य के औषधीय यौगिकों और कार्यात्मक खाद्य पदार्थों पर अनुसंधान के महत्व की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अनुसंधान के सतत प्रयास और महत्वपूर्ण औषधीय एवं सुगंधित पौधों के उत्पादन के उपयोग के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आनंद द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
डॉ. ए.एम. शेख, कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उपकरण और बुनियादी सुविधाओं के संदर्भ में निदेशालय में अनुसंधान के लिए बनाई गई सुविधा पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने गुजरात में औषधीय पौधों, उत्पादकों और देश के अन्य भागों में पेश आ रही समस्याओं पर भी अपनी चिंता जताई।
प्रोफेसर हरीश पढ, कुलपति, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्या नगर, ने उल्लेखनीय औषधीय पौधों पर काम करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आनंद की सराहना की।
इससे पहले, डॉ. सत्यव्रत माइती, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आनंद ने भी संक्षिप्त रुप से निदेशालय की विकास संबंधी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए और डीएमएपीआर, आनंद, गुजरात)
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