26 नवम्बर 2012, नई दिल्ली
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली में कृषि विविधीकरण, जलवायु परिवर्तन प्रबंधन और आजीविका विषय पर तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान सम्मेलन (26-30 नवम्बर) का उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. चरणदास महंत, केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कृषि में लाभ वृद्धि के लिए कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण में 20 प्रतिशत की वृद्धि के उद्देश्य से ‘विज़न-2015’ नामक योजना का निर्माण किया है। डॉ. महंत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिसम्पत्तियों और रोजगार अवसरों की बढ़ोत्तरी के लिए खाद्य प्रसंस्करण और द्वितीयक कृषि जैसे क्षेत्रों में और अधिक निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन द्वारा भारत और वैश्विक कृषि की चुनौतियों पर विचार करने के साथ ही इनसे निपटने की योजना पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिया कि किसान समुदायों की भलाई के लिए इस सम्मेलन द्वारा दिए गए सुझावों और अनुशंसाओं को लागू किया जाएगा।
श्री तारिक अनवर, केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की और कृषि भूमि के घटते क्षेत्रफल और पर्यावरण परिवर्तन को रोकने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और कृषिगत उत्पादों की बढ़ती लागत के कारण भारतीय कृषि वर्तमान में दोराहे पर खड़ी है। साथ ही, किसानों की आय बढ़ाए जाने की भी आवश्यकता है। श्री अनवर ने कहा कि भूमि का गैर कृषि कार्यों में प्रयोग के कारण कृषि भूमि पर दबाव बढ़ रहा है जिसके निवारण की आवश्यकता है।
इस अवसर पर गणमान्यों ने इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रोनोमी (इसा) के विशिष्ट कृषि वैज्ञानिकों को पुरस्कार प्रदान किए और प्रकाशनों का विमोचन किया।
इससे पूर्व, डॉ. एस. अय्यप्पन, सम्मेलन की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष व सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर ने भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व के बारे में बताया और कहा कि देश में रोजगार सृजन करने में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि यद्यपि बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए पोषण सुरक्षा अभी भी चुनौती है। इस सम्मेलन को कृषि कुंभ का नाम देते हुए श्री अय्यप्पन ने कहा कि सस्य विज्ञान सीमाओं से परे कार्य करने वाला विज्ञान है। परिष्कृत कृषि, नैनो तकनीक, सूचना एवं संचार तकनीक व अन्य आधुनिक तकनीकों की सहायता से कृषि उपज में वृद्धि हुई है।
श्री अरविंद कुमार, अध्यक्ष, इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रोनोमी एवं उपमहानिदेशक (शिक्षा), आईसीएआर ने गणमान्यों का स्वागत किया तथा सम्मेलन के लक्ष्य व उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में डॉ. आर.एस. परोदा, अध्यक्ष, तास; डॉ. आर.बी. सिंह, अध्यक्ष, नास; डॉ. शेरॉन क्ले, अध्यक्ष, अमेरिकन सोसायटी ऑफ एग्रोनोमी (एएसए) और डॉ. एच.एस. गुप्ता, निदेशक, आईएआरआई भी उपस्थित थे।
तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रोनोमी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आईएआरआई, नास, एएसए तथा तास के सहयोग से किया गया है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कृषि विविधीकरण, जलवायु परिवर्तन प्रबंधन और आजीविका के लिए उपलब्ध तकनीकी पूंजी पर विचार करना एवं भविष्य में कृषि क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान रणनीति तैयार करना है। इस सम्मेलन में 24 देशों के लगभग एक हजार प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
(स्रोत:एनएआईपी मास मीडिया परियोजना, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशायलय, आईसीएआर)
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