4 जनवरी 2013, कोलकाता
भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 100वें सत्र के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कोलकाता के राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र रोग संस्थान में पब्लिक आउटरीच सत्र का आयोजन किया। डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर ने सत्र की अध्यक्षता की तथा छात्रों, युवा शोधार्थियों, किसानों, विस्तार कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों से वार्तालाप किया। अपने सम्बोधन में डॉ. अय्यप्पन ने कृषि और कृषिगत अनुसंधान में पर्याप्त रोजगार अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने भोजन और पोषण उपलब्ध कराने में हमारे दिन प्रतिदिन के जीवन में आधुनिक कृषिगत तकनीकों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ. अय्यप्पन ने कहा कि हमें कृषि अनुसंधान और अन्य सम्बन्धित क्षेत्रों से जुड़े होने पर गर्व करना चाहिए क्योंकि ये राष्ट्र को खाद्य सुरक्षा दे रहे हैं। उन्होंने छात्रों से अन्य आकर्षक क्षेत्रों की तरह ही कृषि अनुसंधान को आकर्षक रोजगार के रूप में चुनने का आह्वान किया।
इससे पूर्व, डॉ. रामेश्वर सिंह, परियोजना निदेशक, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय ने आईसीएआर के विकास की यात्रा और सफलताओं पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कृषि शिक्षा, भर्ती प्रक्रिया तथा छात्रवृत्ति और फैलोशिप पुरस्कारों के बारे में भी बताया। डॉ. ए.के. सिंह, क्षेत्रीय परियोजना निदेशक, जोन-II, कोलकाता ने युवा शोधार्थियों और छात्रों से कृषि पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर आम लोगों के लाभ के लिए अर्थपूर्ण शोध करने का आह्वान किया। डॉ. जगदीप सक्सेना, सम्पादक, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय ने कार्यक्रम के उद्देश्यों तथा देश भर में आईसीएआर के अनुसंधान एवं संस्थागत नेटवर्क पर प्रकाश डाला।
एनडीआरआई, करनाल; सीफा, भुवनेश्वर; एबीएफजीआर, लखनऊ; पशु निदेशालय, मेरठ; यूबीकेवी, कूचबिहार; डब्ल्यूबीयूएएफएस, कोलकाता; बीएयू, साबौर के शिक्षा विस्तार निदेशक; निदेशक, समेती, पश्चिम बंगाल तथा स्थानीय आईसीएआर संस्थानों के विशेषज्ञों ने लोगों से वार्तालाप किया तथा कृषि शिक्षा, रोजगार, विस्तार तथा विभिन्न कृषि प्रणालियों से सम्बन्धित लोगों के प्रश्नों के उत्तर हिन्दी, बांग्ला एवं अंग्रेजी भाषा में दिए।
इस आउटरीच सत्र में युवा शोधार्थियों, विस्तार कार्यकर्ताओं, किसानों तथा आमलोगों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को आईसीएआर से सम्बन्धित महत्वपूर्ण साहित्य तथा परिषद के क्रियाकलापों और सफलताओं पर प्रकाश डालने वाली फिल्म ड्राईवर्स ऑफ चेंज का भी प्रदर्शन किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय (डीकेएमए) तथा क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय, जोन-II, कोलकाता द्वारा किया गया।
डॉ. एफ.एच. रहमान, वरिष्ठ वैज्ञानिक, क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय, जोन-II ने कार्यक्रम का संयोजन किया।
(Source: NAIP Mass Media Project, DKMA)
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