30 मार्च 2013, बसर
डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव डेअर और महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प. ने उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए भा.कृ.अनु.प. परिसर, अरूणाचल प्रदेश के बसर केन्द्र का दौरा 30-31 मार्च, 2013 को किया। डॉ. एस.एन. पुरी, कुलपति, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल, मणिपुर भी इनके साथ थे।
डॉ. अय्यप्पन ने 'ऊतक संवर्धन प्रयोगशाला' की नयी बनी इमारत और 'पॉलीहाऊस' का उद्घाटन किया। उन्होंने केन्द्र द्वारा विकसित परीक्षण खेतों, अनुसंधान और प्रयोगशाला सुविधाओं का निरीक्षण किया और राज्य के विभिनन जिलों के प्रगतिशील किसानों को वनराज चूजे, मक्का, मूंगफली, सब्जियों, केला, खासी मंडारिन और कार्प हैचरी आदि के बीजों का वितरण किया। डॉ. अय्यप्पन ने आर. भगवती एवं सहयोगी लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तक 'क्लाइमेट चेंज' इट्स इम्पैक्ट एंड मिटिगेशन स्ट्रेटजीस फॉर हिल इकोसिस्टम' का भी विमोचन किया।
डॉ. एस.एन. पुरी ने पिछले चार वर्ष से अरूणाचल प्रदेश के किसान समुदाय के अत्यधिक विकास और चकाचौंध करने वाले बदलाव में भा.कृ.अनु.प., बसर के योगदान पर संतोष व्यक्त किया।
श्री ए.के. पुरकायस्थ, सलाहकार, कृषि विभाग, अरूणाचल प्रदेश ने बैठक में भा.कृ.अनु.प. से सभी कृषि--जलवायु क्षेत्रों के अनुसंधान केन्द्र सहित अरूणाचल केन्द्र को उन्नत करके संपूर्ण अनुसंधान संस्थान का दर्जा देने की सिफारिश की ताकि राज्य के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र इसके एक ही संस्थान के अन्तर्गत कार्यरत हों। इस अवसर पर श्री कांकी दिरांग, एडीसी, बसर भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व, डॉ. एस.वी. नगाचन, निदेशक, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए भा.कृ.अनु.प. परिसर, बारापानी ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों का स्वागत किया।
भारी संख्या में प्रगतिशील किसान, मीडिया प्रतिनिधियों ने इस समारोह में भाग लिया। डॉ आर. भगवती. संयुक्त निदेशक, भा.कृ.अनु.प. बसर केन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(स्रोतः एनएआईपी-मास मीडिया परियोजना, डीकेएमए और सहयोगी संस्थान भा.कृ.अनु.प., अनुसंधान केन्द्र, उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र, अरूणाचल प्रदेश केन्द्र)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram