24 अप्रैल 2013, नई दिल्ली
आसियान सदस्य देशों और भारत के मध्य कृषक विनिमय कार्यक्रम के तहत मलेशिया दौरे से आये भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए 24 अप्रैल, 2013 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में कृषक फीडबैक बैठक का आयोजन किया गया।
डा. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेअर और महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प. ने इस दौरे में किसानों द्वारा सीखे गये ज्ञान की प्रशंसा की तथा उम्मीद जताई कि इसे किसान व्यवहारिक रूप से प्रयोग करके साथी कृषकों को भी सिखायेगें। इससे उनके राज्यों की प्रमुख कृषि समस्याओं का समाधान हो सकेगा। उन्होंने आशा जताई कि प्रौद्योगिकियों, उपयुक्त नीतियों और कार्यक्रमों का समन्वयन और गुणवत्ता जागरूकता ही भारतीय कृषि को भविष्य की राह की ओर ले जायेगा।
डा. के.डी. कोकाटे, उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि 17 राज्यों से 18 कृषकों और दो अधिकारियों ने मलेशिया का दौरा किया और कृषकों को सफल दौरे की बधाई दी। इससे उनका ज्ञान समृद्ध होने के साथ-साथ उत्तरदायित्व भी बढ़ गया है।
डा. ए.एम. नरूला, क्षेत्रीय परियोजना निदेशक, क्षेत्र-।, लुधियाना ने विशिष्ट कार्यक्रम और विषय वस्तु क्षेत्र, क्षेत्रीय दौरे आदि पर रोशनी डालते हुए प्रतिनिधि मंडल के अनुभव को साझा किया। कृषकों ने भी विभिन्न विषयों पर अपने अनुभवों को साझा किया जैसे अच्छी कृषि क्रियाएं, समन्वित खेती, निर्यात और कृषि पर्यटन सहित विपणन संपर्क आदि। इस क्रम में उन्होंने हाइड्रोपोनिक्स, पिंजड़ा मत्स्य संवर्धन, फल और सब्जी प्रसंस्करण, नारियल नैली, मशरूम फूड पार्क, पॉली हाउस आदि उपयोगी प्रौद्योगिकियों के बारे में भी बताया।
डा. पी. आदिगुरू, प्रधान वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) भी प्रतिनिधिमंडल के साथ दौरे पर गये थे, इन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(स्रोतः कृषि विस्तार विभाग, भा.कृ.अनु.प.)
(हिन्दी प्रस्तुतिः एनएआईपी मास मीडिया परियोजना, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, आईसीएआर)
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