केवीके मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाएं : श्री शरद पवार

केवीके मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाएं : श्री शरद पवार

कृषि विज्ञान केन्द्रों का सातवां राष्ट्रीय सम्मेलन पीएयू में प्रारम्भ, 630 केवीके के 1200 प्रतिनिधि शामिल

20 नवम्बर 2012, लुधियाना

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श्री शरद पवार, केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) से देश के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पूर्ति आधारित दृष्टिकोण के स्थान पर मांग आधारित दृष्टिकोण को आपनाए जाने का आग्रह किया। वे लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविध्यालय (पीएयू) में कृषि विज्ञान केन्द्रों के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।

श्री पवार ने कहा कि आईसीएआर, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और केवीके के प्रयासों के कारण हम आज कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गए हैं। उन्होंने खाद्यान्न की कमी की सम्भावनाओं नकारते हुए कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 257 मिलियन टन खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था जो वर्ष 1947 के बाद सबसे अधिक था, इस वर्ष भी देश के कुछ भागों में सूखा पड़ने के बावजूद 250 मिलियन टन खाद्यान्न के उत्पादन की सम्भावना है।

nation-conference-kvk-pau-20-11-2012-3_1.jpgश्री पवार ने खेती से सम्बन्धित विभिन्न तकनीकों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। अनुसंधान और विस्तार के उत्कृष्ट कार्यों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पुस्तकों और डीवीडी का भी विमोचन किया गया।

डॉ. चरणदास महंत, केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री ने विभिन्न तकनीकों को प्रयोगशाला से खेतों तक ले जाये जाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों की सराहना की। उन्होंने टिप्पणी की कि हमें सुदूरवर्ती स्थानों तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।

इससे पूर्व, डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कृषि में बनाए रखने के लिए तथा युवा पीढ़ी में कृषि के लिए अभिरुचि जगाने के लिए विद्यालय स्तर पर कृषि को पाठ्यक्रम में लागू करने की योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में द्वितीयक कृषि पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

nation-conference-kvk-pau-20-11-2012-4_1.jpg इस अवसर पर डॉ. के.डी. कोकाटे, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), आईसीएआर ने कृषि विज्ञान केन्द्रों से किसानों के लिए विचार केन्द्र बनने का आग्रह किया। उन्होंने यह जानकारी दी कि देश के कुल 630 कृषि विज्ञान केन्द्रों में से 314 पिछले केवल आठ वर्षों में स्थापित किए गए हैं। डॉ. बी.एस. ढिल्लन, कुलपति, पीएयू ने देश भर से आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पहले हम खाद्यान्न की कमी वाले राज्य से पूर्णता की ओर बढ़े लेकिन अब हमें प्रतिस्पर्धा वाले अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने का प्रयास करना चाहिए।

‘सर्वोत्तम कृषि विधियों और तकनीकों का एकीकरण’ के विषय पर किए जा रहे इस सम्मेलन में देश के 630 केवीके के 1200 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह राष्ट्रीय सम्मेलन आईसीएआर और पीएयू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। यह सम्मेलन केवीके के आपसी अनुभव से लाभान्वित होने और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

डॉ. ए.एम. नरूला, क्षेत्रीय परियोजना निदेशक, क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय-1 ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

(स्रोत:सहायक संस्था सीफेट, लुधियाना से मिली जानकारी के साथ, एनएआईपी मास मीडिया प्रोजेक्ट, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय)

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