7 अप्रैल 2023, जलपाईगुड़ी
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) कोलकाता और पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (डब्ल्यूबीयूएएफएस), कोलकाता ने आज केवीके परिसर, जलपाईगुड़ी, उत्तर बंगाल के संरक्षण में 'केवीके के स्वर्ण जयंती वर्ष' को चिह्नित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, जलपाईगुड़ी के विभिन्न एफपीओ, एफपीसी, एसएचजी के सदस्यों सहित 155 कृषक पुरुषों और महिलाओं को शामिल करते हुए एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
जलपाईगुड़ी जिले के सांसद, डॉ. जयंत कुमार रॉय ने गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन और अधिशेष उत्पादन और सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों की जबरन बिक्री की समस्याओं को कम करने के लिए क्षेत्र के लिए बहुउद्देशीय शीत भंडारण सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता का आग्रह किया।
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने केवीके विस्तार नेटवर्क के माध्यम से किसानों द्वारा सतत कृषि विकास तथा क्षेत्र विशिष्ट आधुनिक तकनीकों को बेहतर ढंग से अपनाने के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं-वैज्ञानिकों-एफपीओ-एफपीसी-किसानों की ऐसी बैठक कृषि विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महानिदेशक ने किसानों द्वारा जिंसों की तत्काल बिक्री से बचने के लिए क्षेत्र में कम लागत वाले पर्यावरण के अनुकूल जीरो एनर्जी कूल चेंबर स्थापित करने का आह्वान किया।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने छोटे तथा सीमांत किसानों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए केवीके की गतिविधियों के महत्व को रेखांकित किया, जो संबंधित विभागों के साथ अभिसारी मोड में विभिन्न सहयोगी गतिविधियों के माध्यम से कार्य करता है। उन्होंने बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन के पैमाने को प्राप्त करने के लिए एफपीओ/ एफपीसी को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इस तरह यह आने वाले समय में बाजार को किसानों के तरफ आकर्षित करेगा।
इस आयोजन में गणमान्य लोगों ने केवीके फार्म और विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का दौरा भी किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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