श्री सतीश कुमार, काक्कूर पंचायत, कोझीकोड, केरल के स्टूडियो पर्सन द्वारा सफलतापूर्वक लघु उद्यम की स्थापना की गई है। श्री कुमार केले के तने, पेटिओल और सुपारी की गिरी के छिलकों की मदद से मशरूम उत्पादन के द्वारा ‘एम/एस गोविन्द मशरूम’ के मालिक बन चुके हैं। इस उपक्रम की शुरूआत उन्होंने भाकृअनुप – केवीके, कोझीकोड से प्रशिक्षण प्राप्त करने, केन्द्र के दौरे करने तथा वहां से मशरूम के बीज प्राप्त करने के बाद किया। इसके परिणामस्वरूप उनके पास स्वयं की मशरूम बीज उत्पादन इकाई थी। उनके क्षेत्र में धान के पुआल आसानी से उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्होंने कुडमबारसी के सद्स्यों द्वारा दिये गए केले के अवशेषों का प्रयोग मशरूम के बेड बनाने में किया। इसके लिए श्री कुमार ने पत्ते कटे हुए केले के डंठल, मिडरिब और तने के बाहरी हिस्से को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े किये तथा उन्हें विशेष रूप से तैयार भोजन पकाने के बर्तन में कीटाणुमुक्त भी किया। इस विधि में कीटाणुनाशक के रूप में फर्मालिन से बचाव होता है जिससे जैविक मशरूम उत्पादन सुनिश्चित किया जाता है। इसके बाद आवश्यक सामग्रियों को उचित स्तर तक सूखाया गया जिसका प्रयोग भराव और मशरूम बेड निर्माण में किया गया। तैयार बेड पर बीज को 8 से 10 से.मी. के अंतराल पर फैलाया गया। इस प्रकार 250 ग्राम बीज का प्रयोग करके 3 से 5 तुड़ाई के बाद 1.5 कि.ग्रा. सीप मशरूम प्राप्त किया जा सकता है। श्री कुमार द्वारा उत्पादित मशरूम को 300 रुपये/कि.ग्रा. की दर से विक्रय किया गया।
कोझिकोड़ जिले में इस प्रकार की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप - केवीके, कोझीकोड द्वारा प्रशिक्षण के सिद्धांत और व्यावहारिक कक्षाओं में मशरूम बीज के उत्पादन तथा धान के पुआल, केले के तने, सुपारी की भूसी के प्रयोग से बेड निर्माण के साथ ही मशरूम की खेती की नई विधियों को शामिल किया गया है। इसमें विभिन्न स्तरों पर मशरूम के प्रबंधन तथा मूल्य संवर्धन आदि को भी शामिल किया गया है।
केवीके, कोझीकोड द्वारा अक्टूबर, 2015 से 170 कि.ग्रा. मशरूम के बीज (700 पैकेट, प्रत्येक का भार 250 ग्राम) का विक्रय किया जा चुका है तथा 500 व्यक्तियों को कृषि भवन, कृषक प्रशिक्षण केन्द्र तथा पंजीकृत सोसाइटी एवं गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण के बाद कोझिकोड़ के कुडुमबाश्री सदस्यों द्वारा संतोषजनक प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।
आईसीएआर - केवीके, कोझीकोड द्वारा जिले के महिला कृषक समूहों, थामारेस्सेरी, बालूस्सेरी, पेराम्बरा, वड़ाकारा, नाडुवान्नुर, चेम्मपानोडा, पुरूवान्नोमुझी, मेप्पायुर, मुथुकाडु, पांथिरिक्कारा, पूझीथोड़े, चाकिट्टाप्पारा के स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों सहित युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षित विद्यार्थी स्कूल व कॉलेज स्तर पर मशरूम उत्पादक इकाइयों में भागीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही विद्यार्थियों द्वारा एनएसएस परियोजनाओं के तहत इस नवोन्मेषी मशरूम उत्पादन तकनीक को गांवों में फैलाया जा रहा है। प्रशिक्षित कुडुम्बाश्री सदस्य नयी विधि द्वारा उत्पादन करते हुए आसपास के समूहों के सदस्यों तक तकनीक का प्रसार भी कर रहे हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप - कृषि विज्ञान केंद्र, कोझिकोड)
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