सिक्किम, जो कि पूर्वी हिमालय का एक पहाड़ी राज्य है में पांच जलवायु-क्षेत्र हैं जिनमें निचली पहाडि़यां, मध्यम और उच्च पहाड़ियां, अल्पाइन क्षेत्र और बर्फ आच्छादित भूमि शामिल है। भूमि का लगभग 82% भाग वनों के अंतर्गत शामिल है और यह राज्य अपनी अनूठी जैव-विविधता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है जो राष्ट्रीय भौगोलिक क्षेत्र का केवल 0.2% है, हालांकि यह देश की कुल जैव-विविधता के 26% का प्रतिनिधित्व करता है जो विश्व में दर्ज प्रजातियों का 7-8% है। कृषि और पर्यटन ये दो ऐसे अध्यवसाय हैं जो सिक्किम ग्राम समाज के लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधि है और अधिकतर एकीकृत खेती को अपनाया जाता है। कृषि, बागवानी और अन्य कृषि प्रक्रियाओं की गति एक समान नहीं है। प्राकृतिक जलवायु दशाएं, ढलान वाली भूमि, तंग पट्टियों वाली सीढ़ीदार खेती, प्रति व्यक्ति भूमि की बहुत कम उपलब्धता के कारण विभिन्न ढलानों पर किसी एक फसल या किस्म को उगाने में बाधाकारक हैं। आधुनिक कृषि तकनीकों ने उच्च मूल्य वाली पुष्पीय फसलों को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर और दायरे खोले हैं।
हालांकि, बाजार उपलब्ध होने और शहरीकरण के कारण पूर्वी सिक्किम फूलों की खेती में काफी आगे है, किंतु इनके व्यावसायीकरण की संभावनाओं का अभी तक पूरी तरह से दोहन नहीं किया गया है। राज्य सरकार की एजेंसियों ने पॉलीहाउस में खेती करने और निवेश सामग्री की आपूर्ति जैसी मूल सुविधाओं को प्रदान कर फूलों की खेती के जमीनी विस्तार की बुनियादी नींव रखी।
आईसीएआर-राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केंद्र, सिक्किम ने ऑर्किड उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों पर अपने हितधारकों, प्रगतिशील आर्किड किसानों और राज्य विभाग के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑर्किड और गुलाब पर संस्थान में एक मॉडल पुष्प संवर्द्धन इकाई (फ्लोरिकल्चर यूनिट) को प्रदर्शित किया गया। जल्दी पुष्पित होने वाले फूलों और सुगंधित जाइगोपेटलम ऑर्किड के बीजू पौदे प्रदान करने के अलावा सिंबिडियम हाइब्रिड की बड़े पैमाने पर रोपण सामग्री को किसानों में वितरित की गई। हाल ही में, राय गांव, पूर्वी सिक्किम के ग्राम समूह को 'मेरा गांव मेरा गौरव' योजना के तहत आर्किड प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और समर्थन के लिए अंगीकृत किया गया। 18 जनवरी 2016 को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सिक्किम को जैविक राज्य की घोषणा से जारी कार्यक्रमों को और बल मिला जिससे वे लघु स्तरीय उद्यम के माध्यम से प्रीमियम रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
प्रभाव : कृषि उपज से प्राप्त आय के अलावा इन नए विकासों ने सिक्किम के किसानों को आर्किड और मौसमी फूलों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें विभिन्न अवसरों पर पुरस्कार प्रदान किए गए।
श्रीमती अनुराधा क्षेत्री, अपर नामचेबांग, पूर्वी सिक्किम ने आर्किड फूलों और पौधों की बिक्री से प्रति वर्ष रू0 13,000 का राजस्व अर्जित किया। इसके अलावा उन्हें प्रतिष्ठित पंडित दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय कृषक पुरुस्कार 2015 (जोन -6) से भी सम्मानित किया गया।
(स्रोत: आईसीएआर-राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केंद्र, सिक्किम )
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