दिनांक 27 मार्च, 2012 को पशु विज्ञान के क्षेत्र में एक क्रान्ति का उदय हुआ जब विश्व में पहली बार भ्रूण स्थानान्तरण तकनीक के माध्यम से भाकृअनुप – राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, झरनापानी, नागालैण्ड में मिथुन नवजात का जन्म हुआ। गुणवत्ता जननद्रव्य का तेजी से गुणनीकरण करने में भ्रूण स्थानान्तरण तकनीक (ETT) सर्वश्रेष्ठ टूल्स में से एक है और पिछले पांच वर्षों से केन्द्र के वैज्ञानिक इस तकनीक के मानकीकरण पर कार्य कर रहे थे। मिथुन (बोस्फ्रण्टालिस ), दक्षिण पूर्व एशिया का एक दुर्लभ गोजातीय पशु है जो कि भारत के पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्रों के चार विभिन्न राज्यों यथा अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर और मिजोरम में पाया जाता है। वर्तमान में, अपने प्राकृतिक मूलवास (जंगल) में मिथुन पालन की स्वतंत्र रेंज प्रणाली के कारण जहां एक ओर अंत: प्रजनन होता है वहीं स्थानीय मवेशियों के साथ क्रास प्रजनन भी होता है जिससे मिथुन जननद्रव्य की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचता है। अंत: प्रजनन और क्रास प्रजनन की समस्या का समाधान करने के लिए, भाकृअनुप – राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, झरनापानी, नागालैण्ड के पशु कार्यिकी विभाग के वैज्ञानिकों ने फार्म पर तथा साथ ही खेत में दोनों ही स्थानों पर कृत्रिम निषेचन तकनीक को सफलतापूर्वक आजमाया और कृत्रिम निषेचन से नवजात उत्पन्न हुए।
(स्रोत : भाकृअनुप – राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, झरनापानी, मेदजीफिमा, नागालैण्ड )
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