विश्व में फलों के कुल उत्पादन का 15% हिस्सा भारत में उपजता है। साथ ही, वर्ष 2017-18 में 98 मिलियन टन फलों के उत्पादन के साथ भारत दूसरे स्थान है। आकार के आधार पर फलों का श्रेणीकरण महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उत्पाद में मूल्य वृद्धि करने के साथ-साथ उत्पादक को बेहतर आर्थिक लाभ देता है।
वर्तमान में फलों को हाथ से वर्गीकृत किया जाता है जो गहन श्रम और समय लेने वाला होता है। इस प्रक्रिया में व्यस्ततम अवधि के दौरान मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण कार्य प्रभावित होता है। इसके अलावा श्रेणीकृत फलों के आकार में व्यापक भिन्नता होती है। उपरोक्त समस्याओं को देखते हुए भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने विभिन्न प्रकार के गोलाकार आकार वाले फलों के श्रेणीकरण के लिए उपयुक्त वाणिज्यिक पैमाने का बहु-फल श्रेणी-निर्धारक विकसित किया है। फलों के श्रेणी निर्धारक में एक श्रेणीकरण यूनिट, क्षैतिज बेल्ट कन्वेयर और फीडिंग यूनिट होते हैं।
फ्लैप रिक्ति को 30 और 145 मिमी के बीच समायोजित करके श्रेणी-निर्धारक में फलों को पाँच श्रेणी में अलग करने का प्रावधान है। श्रेणी-निर्धारक 0.74 किलोवाट सिंगल फेज मोटर द्वारा संचालित किया जाता है। सेब, मीठा नींबू, संतरा और सपोटा फलों के लिए श्रेणी-निर्धारक की कुल श्रेणीकरण दक्षता 95-97% है। श्रेणी-निर्धारक की क्षमता 7 मीटर/मिनट की श्रेणीकरण गति से 5 टन/घंटा है और ग्रेडिंग करते समय फलों को कोई नुकसान नहीं होता है। श्रेणी-निर्धारक की कीमत 1 लाख रुपये है। श्रेणी-निर्धारक के संचालन और ऊर्जा खपत की लागत क्रमशः रुपए 0.80/किग्रा और 0.30 किलोवाट/टन है।
श्री श्रीधर पाटीदार, मुसम्बी और सुरक्षित मुसली के उत्पादक को सात श्रेणियों में मीठे नींबू की व्यावसायिक श्रेणीकरण के लिए वृंदावन फ्रूट गार्डन एंड नर्सरी, जोतपुर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थापित विकसित श्रेणी-निर्धारक प्रदान किया गया था। जोतपुर, धार फार्म के 65 एकड़ क्षेत्र से उत्पादित 1,250 टन मीठे नींबू के श्रेणीकरण के लिए श्री पाटीदार सालाना रूप से श्रेणी-निर्धारक चलाते हैं। एक व्यक्ति हाथों से प्रति दिन 450 किग्रा फलों को श्रेणीकृत कर सकता है। इस तरह से सालाना 1,250 टन मीठे नींबू की श्रेणीकरण के लिए 2778 व्यक्तियों की आवश्यकता होती थी। प्रति व्यक्ति श्रम की कुल लागत 400रुपए/दिन के हिसाब से 1,250 टन मीठे नींबू की ग्रेडिंग के लिए 11.12 लाख रुपए आँका गया था।


दूसरी ओर श्रेणी-निर्धारक की क्षमता 5 टन/घंटे है। ऐसे में प्रति दिन 8 घंटे के संचालन के फलस्वरूप 32 दिनों में 1,250 टन मीठा नींबू श्रेणीकृत किया जा सकता है। यह कुशल श्रेणीकरण के साथ 98.84% समय और श्रम बचा सकता है। श्रेणी-निर्धारक के संचालन की लागत 800 रूपए/टन के हिसाब से 1,250 टन मीठे नींबू की श्रेणीकरण के लिए कुल लागत 10 लाख रुपए है। इसलिए प्रति वर्ष श्रेणी-निर्धारक का उपयोग करके लागत में 1.12 लाख रुपए की बचत की जा सकती है। बिना श्रेणीकृत किए मीठे नींबू का मूल्य 20 रुपए/किग्रा था, जबकि श्रेणीकृत मीठे नींबू के लिए प्राप्त औसत मूल्य 25 रुपए/किग्रा था। परिणामतः 1,250 टन श्रेणीकृत मीठे नींबू से शुद्ध लाभ सालाना 62.50 लाख रुपए था।


पिछले पाँच वर्षों से मीठे नींबू की श्रेणीकरण के लिए वृंदावन फ्रूट गार्डन एंड नर्सरी, जोतपुर में वाणिज्यिक फल श्रेणी-निर्धारक का संचालन किया जा रहा है जिससे श्रम की लागत में 5.6 लाख रुपए की बचत हुई है। श्रेणीकृत समान आकार के मीठे नींबू ने बाजार में अधिक कीमतें प्राप्त कीं और किसान को लाभ हुआ। इस प्रकार समय और श्रम में बचत के साथ-साथ किसान के लिए भाकृअनुप-सीआईएई वाणिज्यिक पैमाना फल श्रेणी-निर्धारक का उपयोग करके पाँच साल में श्रेणीकृत मीठे नींबू के विपणन से कुल लाभ 3.12 करोड़ रूपए है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल)
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