बिष्णुपुर जिले के कुम्बी तेरखा गाँव के 55 वर्षीय किसान श्री निंगथौजम इंगोचा सिंह, पुत्र (स्वर्गीय) श्री एन. कामदेबो सिंह, वर्ष 2018-19 की प्रारंभिक अवधि के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र, बिष्णुपुर जिला, मणिपुर द्वारा आयोजित एक ऑफ-कैंपस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए।


प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद श्री इंगोचा ने विरासत में मिली अपनी 0.5 हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न फसलों की खेती के लिए वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों को लागू किया। मौसमी सब्जियों की खेती के अलावा उन्हें क्रूसिफेरस (विशेष रूप से सरसों का साग, पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकोली, ब्रसल स्प्राउट) सब्जियों के उत्पादन में भी दिलचस्पी थी।
पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, नॉलखोल, चौड़ी पत्ती वाली सरसों आदि की खेती के अलावा श्री इंगोचा ने अपने खेत में प्रदर्शन के साथ आलू की वैज्ञानिक खेती के तरीकों का भी परिचय दिया। अपने प्राप्त ज्ञान और बेहतर कौशल के उचित अनुप्रयोग के साथ वह विभिन्न बागवानी फसलों की उपज को काफी हद तक बढ़ा सकते थे। वर्तमान में उनके पास लगभग 0.25 हेक्टेयर क्षेत्र का एक आदर्श 'एकीकृत सब्जी फार्म' है।
कृषि निदेशक, मणिपुर सरकार ने भी श्री इंगोचा को 25,000 रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया। पंथोइबी कल्चरल रिसर्च सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, मणिपुर द्वारा प्रतिष्ठित पुरस्कार - नोंगपोक निंगथोयू पुरस्कार – 2018, एक ऐसा पुरस्कार जो उत्कृष्ट कृषि-उद्यमियों को दिया जाता है, के साथ आत्मा और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों जैसी विभिन्न एजेंसियों ने भी उन्हें सम्मानित किया।
वर्ष 2017-18 के दौरान उन्होंने करीब साढ़े तीन लाख रुपए की सालाना शुद्ध आय अर्जित की थी, जबकि वर्ष 2018-19 में उनके सब्जी फार्म से उनकी शुद्ध आय बढ़कर 5.25 लाख रुपए हो गई। अब श्री इंगोचा एक आरामदायक जीवन व्यतीत कर रहे हैं और अपने परिवार के सभी खर्चों को अपने कृषि उद्यम से प्रबंधित कर सकते हैं। उनकी सफलता से प्रेरित होकर कई बेरोजगार युवाओं ने भी खेती के प्रति अपनी रुचि दिखाई है।
(स्त्रोत: भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केंद्र, बिष्णुपुर जिला, मणिपुर)
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