श्रीमती एम अनीता, बेट्टमपडी गांव की एक आदिवासी महिला नारियल, सुपारी, काली मिर्च, धान, सब्जियों जैसी विभिन्न फसलों की खेती करती है और अपने खेत के 4.5 एकड़ कृषि भूमि पर पारंपरिक खेती प्रणाली के तहत पशुधन (मवेशी, बकरी, मुर्गी, पक्षी) का पालन करती है। लेकिन कृषि संसाधनों के अनुचित उपयोग के कारण कम आर्थिक लाभ के साथ कम कृषि उत्पादन के कारण उन्होंने सुनिश्चित आजीविका के लिए एक टिकाऊ कृषि प्रणाली की तलाश की है।
कृषि अधिकारियों, ग्राम अभिवृद्धि गैर सरकारी संगठनों(एनजीओ) और भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केंद्र, दक्षिण कन्नड़ से प्रेरित होकर, उन्होंने अपने खेत में जैविक प्रथाओं को अपनाने की पहल की। इसके लिए उन्होंने संगोष्ठियों, पुस्तकों, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों आदि के माध्यम से जैविक खेती के बारे में आवश्यक ज्ञान प्राप्त किया। श्रीमति अनीता ग्रामीण किसानों के भूखंडों पर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एनजीओ - एसकेडीआरडीपी, मैंगलोर की एक सक्रिय सदस्य हैं।
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) योजना और जेडबीएनएफ (शून्य बजट प्राकृतिक खेती) के तहत, उन्होंने 80 छोटे और सीमांत किसानों से मिलकर एक समूह - समृद्धि रायथा गम्पू (एसएचजी) बनाकर किसानों को संगठित किया। एसएचजी जरूरतमंद किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वह जैविक खेती पर किसानों को जागरूक करने के लिए केवीके एवं विकास विभागों द्वारा आयोजित क्षमता विकास कार्यक्रमों के लिए एक नियमित संसाधन प्रदाता व्यक्ति हैं।
श्रीमती अनीता एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाकर रुपये कमाती है। पशुधन से 3,05,000 रु. सब्जियों से 2,60,000 रु और धान से 45,000 रु. वर्मीकम्पोस्ट से 1,00,000 और रु. गोबर के उपले आदि से 50,000 रु, अब वह 400 किसानों को सलाहकार सेवाएं प्रदान करती है। उनसे प्रेरित होकर, लगभग 15 किसानों ने जैविक खेती को अपनाया है और छह किसान बकरी पालन कर रहे हैं।
इस सफलता के लिए उन्हें राष्ट्रीय कृषि उत्सव - 2011 में जीकेवीके, बेंगलुरु द्वारा "जिला स्तरीय महिला किसान" पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 2012 में संस्कृत कला केंद्र बोलवार, पुत्तूर द्वारा "संक्रांति पुरस्कार"; केएमएफ, मैंगलोर द्वारा "जिला स्तरीय डेयरी फार्मिंग महिला" पुरस्कार - 2014-15 और कादरी, मैंगलोर - 2016 में फूल प्रदर्शनी में "बागवानी पुरस्कार" प्रजान किया जा चुका है।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केंद्र, दक्षिण कन्नड़, मंगलुरु)
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